दिल्ली शराब नीति मामले में अब आम आदमी पार्टी भी आरोपी, ईडी की नई चार्जशीट,पहली बार राजनीतिक दल को बनाया आरोपी, CM केजरीवाल का भी नाम

नई दिल्ली : दिल्ली शराब नीति से जुड़े कथित घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसके अलावा पार्टी का नाम भी अब मामले में आरोपी को रूप में शामिल किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहली बार आरोपी बनाया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) को भी आरोपी बनाया है।
हवाला ऑपरेटरों से बातचीत की जानकारी

ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने एक्साइज पॉलिसी मामले में अपराध से कथित आय के संबंध में अरविंद केजरीवाल और हवाला ऑपरेटरों के बीच चैट की खोज की है। एजेंसी का दावा है कि केजरीवाल की तरफ से अपने गैजेट का पासवर्ड शेयर करने से इनकार करने के बाद हवाला ऑपरेटरों के डिवाइस से चैट बरामद की गई हैं। इस मामले में ईडी ने 21 मार्च को 55 वर्षीय केजरीवाल को भी गिरफ्तार किया था। केजरीवाल फिलहाल 1 जून तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अंतरिम जमानत पर जेल के बाहर है। केजरीवाल को यह जमानत चुनाव प्रचार के लिए दी गई है।

ईडी की तरफ से 8वीं चार्जशीट

कुल मिलाकर यह इस मामले में ईडी की तरफ से दायर की गई यह आठवीं चार्जशीट है। इस मामले में ईडी ने अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। पिछले हफ्ते, एजेंसी ने बीआरएस नेता और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता और चार अन्य के खिलाफ इसी तरह की शिकायत दर्ज की थी। सीएम अरविंद केजरीवाल को पहले दिल्ली एक्साइज पॉलिसी ‘घोटाले’ का ‘किंगपिन और मुख्य साजिशकर्ता’ कहा था। ईडी का आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य लोगों के साथ मिलकर काम किया।

7 स्टार होटल में रुके थे केजरीवाल

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हमारे पास प्रत्यक्ष सबूत हैं कि केजरीवाल एक सेवन स्टार होटल में रुके थे। इसका बिल आंशिक रूप से मामले के एक आरोपी की तरफ से भुगतान किया गया था। दिल्ली की इस एक्साइज पॉलिसी को अब खत्म कर दिया गया है। ईडी का आरोप है कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में केजरीवाल कथित घोटाले के लिए अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार थे। एक्साइज पॉलिसी केस 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की एक्साइज नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है।

एलजी ने दी थी केस चलाने की मंजूर

दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने शराब पॉलिस के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके बाद, ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया। ईडी ने 17 अगस्त को दर्ज की गई सीबीआई एफआईआर का संज्ञान लेते हुए 22 अगस्त, 2022 को 2021-22 की दिल्ली एक्साइ नीति में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए अपना मनी लॉन्ड्रिंग मामला दर्ज किया।

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