चाईबासा कार्यालय, ५ जनवरी : मंगलवार की शाम गोईलकेरा थाना के झीलरूवा में आयोजित फुटबॉल प्रतियोगिता में पूर्व विधायक गुरूचरण नायक पर हुए हमले में मारे गये दोनो अंगरक्ष शहीद शंकर नायक एवं ठाकुर हेम्ब्रम का शव रातभर खुले मैदान में पडा रहा। सुबह एएसपी अभियान उमेश कुमार साह के नेतृत्व में जिला पुलिस एवं सीआरपीएफ जवान भारी सुरक्षा के बीच घटना स्थल पर आए और शवों को उठाकर पोस्टमार्टम हेतु चक्रधरपुर भेजा। पूर्वाहन ११ बजे तक शवों को पोस्टमार्टम किया गया। उसके बाद पुलिस लाइन चाईबासा लाया गया जहां दोनो शहीद जवानो को श्रद्घांजलि दी गयी। एक अंगरक्षक का इलाज चल रहा है। मुख्य सडक से घटना स्थल महज डेढ किलोमीटर दूर होने के बावजूद शव १५ घंटे बाद बरामद किया जाना यह बता रहा है कि उस क्षेत्र में नक्सलियो का कितना खौफ है। पुलिस रात में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती थी और फूंक-फूंक कर कदम रख रही थी। बताया जाता है कि नक्सलियो की योजना सिर्फ जवानो से हथियार लूटने की थी। यही कारण है कि घटना स्थल पर नक्सलियो ने जवानो पर पहले चाकू से हमला किया और फिर हथियार लूटने के बाद गोली मार दी। नक्सलियो ने जवानो के कमर में बंधे मैगजीन बेल्ट को चाकुओ से काट दिया और गोली ले कर चले गये। दोनो जवानो का मोबाइल फोन शव के पास से ही बरामद किया गया। गोईलकेरा थाना प्रभारी घटना के दिन छुट्टी पर थे। थाना प्रभारी तुफैल खान २८ दिसम्बर को गोइलकेरा थाना में योगदान दिया था। उसी दिन पालुहासा में नक्सलियो ने बोयराम लुगुन की हत्या कर दी थी और उसे अगले सप्ताह मंगलवार को नक्सली हमले में दो जवान शहीद हो गये। घटना के बाद पूर्व थाना प्रभारी विकास कुमार से मदद ली गयी है। सुबह शव बरामद पुलिस के साथ जवान के आश्रित भी गये, जबकि एक जवान के परिजन टाटा से चाईबासा पहुचे तो उन्हें स्थानीय एक लॉज में ठहराया गया गया। बाद मे पुलिस लाइन ले जाया गया।