Danger to Environment:सुवर्णरेखा नदी का सत्यानाश कर रहे ईंट भट्ठा

चांडिल । सरायकेला खरसवां जिले के चांडिल प्रखंड अंतर्गत संचालित आधा दर्जन ईंट भट्ठा लगातार नियमों के विरुद्ध खनन कार्य कर रहे हैं लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है? बताते हैं कि चांडिल के शहरबेड़ा में कमल भट्टा, विजय भट्टा, विश्वास भट्टा एवं पूड़ीसिली में लक्ष्मी ईंट भट्ठा, केडब्लूएस ईंट भट्ठा इन दिनों चालू है। इन भट्ठा के संचालकों द्वारा बेतरतीब ढंग से मिट्टी खनन किया जा रहा है। ये सभी जमशेदपुर व चांडिल की लाइफ लाइन माने जाने वाली सुवर्णरेखा नदी के किनारे से मिट्टी खनन करते हैं। जिस प्रकार से मिट्टी खनन हो रहा हैं, इससे आने वाले समय में नदी का स्वरूप ही बदल जाएगा। जब बारिश के दिनों में नदी उफान पर होगी तो पानी गांवों में घुसने की संभावना है। दोमुहानी – कांदरबेड़ा सड़क के ठीक किनारे पर पूड़ीसिली में लक्ष्मी ईंट भट्ठा, केडब्लूएस ईंट भट्ठा संचालित हो रहा है। यहां सड़क के किनारे ही बड़े बड़े गड्ढे खोदकर मिट्टी निकली जाती है। वहीं, 20 मीटर दूर हरा भरा जंगल है। खनन के साथ साथ ईंट भट्ठा के चिमनी से दिनरात जहरीला धुआं निकलने के कारण वन्य प्राणियों व पर्यावरण को भी काफी नुकसान हो रहा हैं। यह क्षेत्र हाथी बहुल भी है। इन इलाकों में प्रायः हाथी विचरण करते हैं। लेकिन, ईंट भट्ठा संचालकों द्वारा अनियमित ढंग से मिट्टी खनन कर बड़े बड़े गड्ढे किए जाने से हाथी रास्ता भटककर गांवों की ओर घुस आते हैं। ईंट भट्ठा संचालकों द्वारा विगत कई वर्षों से यह धंधा चलाया जा रहा है लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होती हैं। जानकारों की माने तो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमावली में नदी व जंगल के किनारे खनन कार्य व ईंट भट्ठा संचालन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी किया गया है। पर, स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से यह खनन चल रहा है। यदि समय रहते इनपर रोक नहीं लगी तो पर्यावरण को भारी नुकसान होगा।

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