नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल और ओडिशा में दिवाली के मौके पर चक्रवाती तूफान सितरंग का खतरा मंडरा रहा है। ओडिशा में चक्रवात सितरंग का असर 22 अक्टूबर की सुबह से ही दिखने लगा.मौसम विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र डिप्रेशन में बदल गया है। यह पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र से करीब 1,460 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित है। जिसके चलते ओडिशा और बंगाल के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है।
ओडिशा के 8 राज्यों में अलर्ट
ओडिशा में चक्रवात सितरंग का असर 22 अक्टूबर की सुबह से ही दिखने लगेगा। यहां 45 से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। चक्रवात के चलते समुद्र में उठने वाले ज्वार के चलते मछुआरों को समुद्र की ओर न जाने की हिदायत दी गई है। ओडिशा में 23 अक्टूबर सुबह से ही बारिश शुरू हो जाएगी। मौसम विभाग ने तटीय ओडिशा में भारी वर्षा होने की आशंका जताई है। इसके चलते राज्य के 8 जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
बंगाल की सरकार भी अलर्ट
25 अक्टूबर को यह चक्रवात के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों तक पहुंचने की संभावना है। कई वैश्विक मॉडलों ने इशारा किया है कि बांग्लादेश तट पर लैंडफॉल करने से पहले तूफान 100-110 किमी प्रति घंटे की गति के साथ भयानक चक्रवात में तब्दील हो सकता है। चक्रवात से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से एक बैठक बुलाई दी, यहां अधिकारियों को कई निर्देश दिए। बंगाल में कई जिलों के निचले इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया गया है।
दिवाली पर चक्रवात से लोग परेशान
ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 24 अक्टूबर को काली पूजा और 25 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाएगी। इस दौरान चक्रवात की वजह से बारिश के अलर्ट से लोग परेशान हैं। मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवात मंगलवार को ओडिशा तट को पार करते हुए पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के पास पहुंच सकता है। इसके चलते उत्तर और इससे सटे मध्य बंगाल की खाड़ी, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों के पास 90-110 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।