भुवनेश्वर। ओड़िशा के IAS वीके पांडियन को इस्तीफा देने के 24 घंटे के अंदर कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया। ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पांडियन को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देते हुए 5-टी और नवीन ओडिशा का चेयरमैन नियुक्त कर दिया है। इससे पहले पांडियन ने सोमवार को IAS के पद से इस्तीफा दे दिया था। कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य कारणों से मुख्यमंत्री नवीन पटनायक 2024 के चुनाव के समय सीएम का पद छोड़ सकते हैं. ऐसी स्थिति में पांडियन को उनका उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है।
सरकार की ओर से आनन-फानन में उन्हें ये महत्वपूर्ण पद दिए जाने के बाद उनके सूबे के अगले सीएम बनने की भी चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर ये वीके पांडियन कौन हैं जो एक आईएएस अधिकारी होने के बावजूद न केवल सरकार में बड़ा कद रखते थे, बल्कि सूबे की सियासत में भी अब दूर्जेय चेहरा बनकर उभरने लगे हैं।
2000 बैच के आईएएस अधिकारी थे पांडियन
2000 बैच के IAS अधिकारी वीके पांडियन को पहले पंजाब कैडर मिला था। लेकिन ओड़िशा कैडर की आईएएस अधिकारी सुजाता राउत के साथ उनको प्रेम हो गया और फिर उन्होंने शादी कर ली। जिसके बाद वो इंटर स्टेट कैडर एक्सचेंज पॉलिसी के तहत वो कैडर बदलकर ओडिशा आ गए।पांडियन ने ओडिशा में साल 2002-04 तक अपना कैरियर कलाहांडी जिले के धर्मगढ़ से उपजिलाधिकारी के रूप में शुरू किया। इसके बाद 2005-07 तक मयूरभंज जिले के जिलाधिकारी, 9 अप्रैल 2007 से 29 अप्रैल 2011 तक गंजाम में जिलाधिकारी के तौर पर काम किया। चूंकि, गंजाम मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का चुनावी जिला रहा है, इसी कारण वह मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सीधे संपर्क में आ गए। इसके बाद मई 2011 में वह मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव की जिम्मेदारी संभाली। उन्हें 2019 में 5-टी सचिव बनाया गया था।