बेहतरीन आदेश: केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के COVID-19 के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में प्रति दिन वार्ड की कीमत 3000 रुपये के भीतर तय करने के आदेश की सराहना की
केरल हाईकोर्ट ने निजी अस्पतालों में COVID-19 उपचार की कीमत को युक्तिसंगत बनाने के उपायों पर चर्चा करने के दौरान केरल सरकार द्वारा निजी अस्पतालों में COVID-19 के उपचार के लिए कीमत तय करने के नवीनतम आदेश की सराहना की। जस्टिस देवन रामचंद्रन और जस्टिस डॉ. कौसर एडापागथ की पीठ ने कहा कि सरकार के आदेश ने इस संबंध में न्यायालय के बोझ को काफी हद तक कम कर दिया। कोर्ट को आज की सुनवाई में राज्य के अटॉर्नी जनरल ने सूचित किया कि अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं-मान्यता प्राप्त अस्पतालों (एनएबीएच अस्पतालों) और गैर-एनएबीएच अस्पताल के सामान्य वार्डों के प्रति दिन की कीमत क्रमशः 2910 और 2645 रुपये निर्धारित की जाएगी। इसमें ऑक्सीजन, चिकित्सा और ड्रग्स, निर्सिंग और बोर्डिंग चार्ज आदि शामिल होंगे और सीटी, एचआरसीटी आदि को बाहर रखा जाएगा। पीपीई किट, दवाओं और इस तरह के अन्य टेस्ट की कीमत को अधिकतम खुदरा मूल्य या किसी अन्य अधिसूचना या आदेश के रूप में नियंत्रित किया जाएगा.
राज्य के अटॉर्नी जनरल ने जोर दिया कि सरकार के पिछले आदेश के अनुसार RT-PCR की कीमत 500 रुपये होगी। नए आदेश के अनुसार केरल क्लीनिकल प्रतिष्ठान अधिनियम और नियम के तहत जिला चिकित्सा अधिकारी और अधिकारी शिकायत निवारण अधिकारियों के रूप में काम करेंगे और जैसा कि राज्य के ऑटर्नी जनरल के अनुसार इलाज के लिए कीमतें निर्धारित की गईं हैं इन कीमतों के मामलों की जांच करना होगा। कोर्ट ने मौखिक रूप से नए आदेश को शानदार बताते हुए कहा कि इसे अगले दो सप्ताह तक क्रियान्वित करने की अनुमति दी जाती है और फिर न्यायालय इसका जायजा लेगा कि और क्या परिवर्तन आवश्यक है।
जमशेदपुर के अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने झारखंड उच्च न्यायालय से प्रार्थना की कि वह स्वतः संज्ञान लेकर इस तरह का आदेश पारित करे जिससे झारखंड के निवासियों को राहत मिले।