उपेंद्र हत्याकांड में अखिलेश सजा के मुहाने पर: शहर में राजपूत- भूमिहार सौहार्द्र बिगाड़ने और अपराध में बने रोड़ा हटाने के लिए कराई हत्या

जमशेदपुर, 1 अक्टूबर (रिपोर्टर): उपेन्द्र सिंह हत्याकांड में अभियोजन की ओर से आज बहस पूरी कर दी गई. इस कांड में अखिलेश सिंह समेत 10 अभियुक्त हैं जिनमें शूटर विनोद सिंह उर्फ मुगली और सोनू सिंह उर्फ विक्की को हत्याकांड के साथ ही चले आर्म्स एक्ट में तीन-तीन साल की सजा पहले ही हो चुकी है. 10 अभियुक्तों में अखिलेश सिंह, हरिश सिंह, विनोद सिंह, सोनू सिंह, पंकज सिंह, अजय यादव, संजय सिंह उर्फ जोजो अविनाश श्रीवास्तव, बलवीर सिंह और जसवीर अभियुक्त हैं. घटनास्थल पर शूटर विनोद सिंह उर्फ मुगली और सोनू सिंह उर्फ विक्की पिस्तौल के साथ पकड़े गए जिन्होंने कहा था कि उपेन्द्र सिंह की हत्या के लिए अखिलेश सिंह ने हरिश सिंह के मार्फत हथियार उपलब्ध कराया था. इस मामले में एक्स्ट्रा जूडिशियल कंफेशन के आधार पर अखिलेश सिंह सजा के मुहाने पर खड़ा दिख रहा है। ऐसे ही कंफेशन के आधार पर जेलर हत्याकांड में अखिलेश सिंह को आजीवन कारावास की सजा उच्च न्यायालय ने बरकरार रखी है.
उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि उपेन्द्र सिंह हत्याकांड में एक माह के अंदर सुनवाई पूरी कर फैसला सुना दिया जाए. अभियोजन को भी एक सप्ताह के अंदर पिछले दिनों बहस पूरा करने का निर्देश दिया गया था. बचाव पक्ष को अपनी बहस के लिए चार अक्टूबर की तिथि तय की गई है. अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक जय प्रकाश ने लगभग चार घंटे अपनी बहस की. इस मामले में 19 गवाहों की गवाही हुई हैं और 20 प्रकार के विभिन्न दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं. इन दस्तावेजों में जेलर हत्याकांड में हाई कोर्ट द्वारा सजा बहाल रखने का आदेश भी शामिल है. उसमें भी शूटर ने अखिलेश सिंह का नाम लिया था. उपेन्द्र सिंह की हत्या अखिलेश सिंह द्वारा कथित भूमिहार-राजपूत जातीय विद्वेष फैलाने और आपसी सौहार्द्र बिगाड़ने और अपनी आपराधिक गतिविधियों में कायम साम्राज्य में उपेन्द्र सिंह के रोड़ा बनने के कारणों से की गई ।इस संबंध में कुछ गवाहियां भी अदालत के रिकार्ड में लाई गई है जिनमें गवाहों ने अखिलेश सिंह द्वारा उपेन्द्र सिंह की हत्या कराने के मकसद और उक्त सौहार्द्र बिगाड़ने के बारे में गवाही दी गई है. जेलर की हत्या भी अखिलेश सिंह ने इसीलिए करा दी थी कि उन्होंने उसे जेल में पांव में बेडिय़ां पहना दी थी. अखिलेश सिंह के इस इगोस्टिक स्वभाव को अदालत के समक्ष गवाहों ने प्रस्तुत करने की कोशिश की है. इस मामले में विनोद सिंह, सोनू सिंह, अखिलेश सिंह तथा एक अन्य अभियुक्त जेल में है ,जबकि हरिश सिंह समेत अन्य को उच्च न्यायालय से जमानत मिली हुई है.उपेन्द्र सिंह हत्याकांड के सिलसिले में सीतारामडेरा थाना में 198/16 कांड दर्ज है ,जबकि साथ में 199/16 आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज है. इस आर्म्स एक्ट के मामले में विनोद सिंह उर्फ मुगली तथा सोनू सिंह उर्फ विक्की को पहले ही तीन-तीन साल की सजा हो चुकी है. इस मामले में अखिलेश सिंह एवं अन्य अभियुक्तों द्वारा हाई कोर्ट में जमानत के लिए कई बार याचिका दायर की गई , लेकिन उच्च न्यायालय ने हर बार उसे अस्वीकृत कर दिया अर्थात पूरे मामले में इतने साक्ष्य प्रतीत होते है कि अखिलेश सिंह एवं उसका उक्त गैंग सजा के मुहाने पर खड़ा दिखाई देता है.
आर्म्स एक्ट में बेल , प्रियंका को बधाई
जमशेदपुर : परसुडीह थाना कांड 148/21 आम्र्स एक्ट में गिरफ्तार अभियुक्त सोनू सिंह को आज प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश ने जमानत प्रदान कर दी. इसमें उल्लेखनीय बात है कि आर्म्स एक्ट के मामले में नवोदित महिला अधिवक्ता प्रियंका सिंघल को जिला न्यायालय द्वारा पहली बार जमानत दिलाने में कामयाबी मिली जिसके लिए उनके साथियों ने उन्हें बधाई दी.

इस मामले में अमित सिंह, बाबू पिल्ले, सोनू सिंह और मो. रफीक चार अभियुक्त हैं. इन्हें अपराध की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अमित सिंह और बाबू पिल्ले के पास से लोडेड पिस्तौल और कुछ जीवित कारतूस मिले थे. सोनू सिंह पर आरोप था कि वह वहां से भाग गया था. बचाव पक्ष ने कहा कि सोनू सिंह को बेवजह फंसाया गया है. वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था. फिर भागने का सवाल ही बेमानी है. सोनू सिंह के साथ मो. रफीक पर भी आरोप था कि वह घटनास्थल से भाग गया था.

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