कान्वाई वर्कर्स यूनियन का निबंधन रद्द मामले में मचा घमासान

विपक्षी खेमा ने प्लांट हेड को भेजा पत्र
जमशेदपुर, 18 जनवरी (रिपोर्टर) : टाटा मोटर्स कान्वाई चालकों की मान्यता प्राप्त ऑल इंडिया कान्वाई वर्कर्स यूनियन का निबंधन रद्द है। इसकी जानकारी झारखंड के श्रमायुक्त कार्यालय से अवर सचिव ने यूनियन के अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर दी है। ऐसे में विरोधी खेमे ने निबंधन को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है। पत्र में बताया है कि 23 जनवरी को यूनियन पदाधिकारियों का नाम रजिस्टर बी में दर्ज करने को आग्रह पत्र मिला। लेकिन बिहार सरकार द्वारा रद्द यूनियन की सूची में इसका भी नाम शामिल है। यूनियन के निबंधन को पुर्नबहाल करने को विभाग को पत्र भी नहीं मिला। ऐसे में कान्वाई यूनियन का दिसंबर-2019 में कराए गए चुनाव के आधार पर चयनित पदधारकों का नाम रजिस्टर बी में दर्ज नहीं किया जा सकता है।
प्लांट हेड को भेजा पत्र, कहा बंद कराये यूनियन कार्यालय
ऑल इंडिया कान्वाई वर्कर्स यूनियन का निबंधन रद्द मामले में आज सोमवार को विपक्षी कान्वाई चालकों के नेता ज्ञान सागर प्रसाद ने टाटा मोटर्स जमशेदपुर प्लांट हेड के नाम एक पत्र भेजकर अविलंब यूनियन कार्यालय बंद कराने की मांग की है। कहा कि झारखंड सरकार द्वारा अवैद्ध किये गये ऑल इंडिया कान्वाई वर्कर्स यूनियन के नाम पर अवैद्ध कार्य चल रहा है। इसमें कंपनी का पानी, बिजली उपयोग किया जा रहा है। इसका चालक विरोध कर रहे हैं। पत्र में और भी कई गंभीर आरोप लगाये गये हैं।
क्या है मामला
तत्कालीन बिहार सरकार के समय निबंधित झारखंड की 980 यूनियनों का निबंधन रद है। बिहार से अलग हुए झारखंड राज्य की यूनियनें वहां अपनी वार्षिक रिर्पोट से लेकर आय-ब्यय आदि का ब्यौरा वहां बंद कर दिया। ऐसे में बिहार सरकार ने झारखंड की यूनियनों का निबंधन रद कर दिया। इधर दो साल से यह मामला जोर पकड़ा है। यह विषय झारखंड सरकार के संज्ञान में है। झारखंड प्रदेश इंटक के अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय इसे लेकर मुख्यमंत्री, श्रम विभाग व संबंधित लोगों के संपर्क में हैं। शहर की एक दर्जन से ज्यादा यूनियनों का मामला कान्वाई यूनियन के जैसा ही है।

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