Ranchi,6 June: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने टीएसी Tribal Advisory Council गठन की नियमावली में संशोधन को लेकर भारतीय जनता पार्टी द्वारा राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी झारखंड सरकार कोई अच्छा क़दम उठाती है तो इसके नेताओं के पेट में दर्द होने लगता है। पिछले डेढ़ वर्षों से टीएसी के गठन का मामला अटका हुआ था ।भाजपा नेताओं ने कभी इस मामले की सुध नहीं ली और जैसे ही अब टीएसी के गठन की प्रक्रिया को सुलभ किया गया, वैसे ही इन्होंने हाय तौबा मचाना शुरू कर दिया । दरअसल सच्चाई यह है कि भारतीय जनता पार्टी आदिवासी विरोधी है, जब भी आदिवासियों के हक़ में कोई फ़ैसला लिया जाता है तो वह सड़क से लेकर महामहिम तक विरोध दर्ज कराने पहुँच जाती है । भाजपा को इस बात से चिढ़ है कि झारखंड के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पिछले चुनाव के दौरान उसको लोगों ने नकार दिया था।
श्री ठाकुर ने कहा कि इस पार्टी को कोई सवाल उठाने से पहले गिरेबा में झांकना चाहिए । मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 2006 में ही टीएसी के गठन को लेकर संशोधन किया था, वहीं संशोधन अब झारखंड में हुआ है। भाजपा संशोधन करे तो सही, हम करे तो ग़लत । यही उसका दोहरा चरित्र है। वह बेवजह इस मामले को तूल देकर महामहिम राज्यपाल के गरिमामयी पद का राजनीतिकरण करना चाहती है। भाजपा ने पिछले सात वर्षों में तमाम संवैधानिक संस्थाओं का राजनीतिकरण करने का काम किया है जो हम झारखंड में क़तई नहीं होने देंगे ।