विक्षुब्ध कांग्रेसी विधायकों ने बनाया गुट… अपने मंत्रियों को बताया नकारा
्ररांची,7 अप्रैल : हेमंत सोरेन की सरकार में कांग्रेस की ओर से बनाए गए मंत्रियों के खिलाफ अपने ही विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के लगभग आधे विधायकों ने अपने मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें नकारा तक बता डाला है। इन विधायकों का नेतृत्व एक बार फिर जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी कर रहे हैं जो पहले भी स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के मुखर विरोधी रहे हैं और सदन में भी उनका विरोध करते रहे हैं। इधर विधायक इरफ़ान अंसारी के नेतृत्व में गुरुवार को चार विधायकों की बैठक जेएससीए स्टेडियम में हुई है। बैठक में उमाशंकर अकेला, नमन विक्सल कोंगारी और राजेश कच्छप की मौजूदगी रही। इरफ़ान का दावा है की उनके साथ
पार्टी के नौ विधायक हैं। असंतुष्ट विधायकों ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने का समय मांगा है।
जिस बिरादरी का एक प्रतिशत वोट नहीं, वह कर रहा नेतृत्व
विधायक नमन विक्सल कोगाड़ी ने कहा कि दो साल कोरोना के कारण काम नहीं हुआ और अब गली-गली हमसे जनता सवाल पूछ रही है, जवाब मंत्रियों को देना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय भी हमारी बात नहीं सुन रहे हैं। वहीं विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि जिस बिरादरी का 1 प्रतिशत वोट भी प्रदेश में नहीं है वह नेतृत्व कर रहा है और बाकी लोग पीछे पीछे कैसे चल सकते हैं। विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि मंत्रियों के पास समय नहीं है, जनता का काम नहीं होगा तो कैसे काम चलेगा। वहीं विधायक अकेला ने कहा कि अब सीधे राहुल गांधी से ही कोई बात होगी।
महिला विधायक भी दे रहीं बागियों का साथ
कांग्रेस के बागी विधायकों को महिला विधायकों का भी साथ मिला है। विधायकों ने कहा कि अपने मंत्रियों से अधिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनकी बात सुन रहे हैं। उनका काम भी कर रहे हैं। नाराज कांग्रेस विधायकों के निशाने पर प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व भी रहा। अपने मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद कुछ विधायक सीधे मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर दबाव बनाने की कोशिश में लगे हैं। उनको बताया कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय के खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोल दिया है।
विधायक इरफ़ान अंसारी का दावा है कि उनके साथ पार्टी के नौ विधायक हैं। इरफान अंसारी पहले से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के मुखर विरोधी रहे हैं। सदन में भी उनका विरोध करते रहे हैं। पार्टी के कई विधायकों ने अलग-अलग मंचों पर अपने मंत्रियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। एक बार फिर इन विधायकों ने अपनी आवाज बुलंद की है। इसका नेतृत्व एक बार फिर जामताड़ा विधायक इरफ़ान अंसारी कर रहे हैं। सूत्र दावा कर रहे हैं कि विधायकों की बैठक में यह कहा गया कि अपने मंत्रियों से अधिक मुख्यमंत्री कांग्रेस के विधायकों की बात सुन रहे हैं। विधायकों का काम कर रहे हैं। इन विधायकों के निशाने पर प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व भी है। ज्ञात हो कि राज्य में कांग्रेस के कोटे से 4 मंत्री हैं। इसमें 2 मंत्रियों के खिलाफ सर्वाधिक नाराजगी है।
दरअसल झारखंड की मौजूदा राजनीति में सत्ताधारी दल झामुमो और कांग्रेस के विधायकों के बीच हाल के कुछ दिनों में हलचल बढ़ी हुई है। पहले झामुमो के दो विधायकों ने बागी तेवर अख्तियार किए। इसके बाद कांग्रेस में नए सिरे से आंतरिक विद्रोह मुखर हो गया है। राजनीति के विशेषज्ञों की माने तो मौजूदा परिस्थिति में उठ रही आवाज के पीछे निजी महत्वकांक्षाएं कहीं ज्यादा हावी दिखाई दे रही हैं।