Ranchi,25 Jan : झारखंड के कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं ।आज अपराह्न 2:30 बजे लखनऊ में हुए भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे ।आरपीएन सिंह कुशीनगर से कांग्रेस के विधायक हैं। वे केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं। आज उन्होंने ट्वीट किया कि देश गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है और वह नई राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रहे हैं ।माना जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य भारतीय जनता पार्टी छोड़कर सपा में जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने एक बड़े ओबीसी चेहरा को अपने पार्टी में शामिल कराने का मन बनाया है ।आरपीएन सिंह कुर्मी जाति से आते हैं और इनका उत्तर प्रदेश की राजनीति में खासा प्रभाव माना जाता है ।पिछले लंबे अरसे से आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने की अटकले लगाई जा रही थी। आरपीएनसी ने आज पार्टी से इस्तीफा देने के साथ ही सोनिया गांधी के प्रति आभार भी जताया कि उन्होंने उन्हें काम करने का अवसर दिया।
वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के महासचिव एवं पार्टी के झारखंड प्रभारी थे। R P N Singh ने आज कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। उत्तर प्रदेश चुनाव के बीच भाजपा ने कांग्रेस पर बड़ी छापामारी की। समझा जाता है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़ने से पिछड़ी जाति के समीकरण में भाजपा में जो कमजोरी आने की बात कही जा रही थी वह अब आर पी एन सिंह को लाकर भाजपा पूरा करना चाहेगी और संभवतः आर पी एन को उत्तरप्रदेश के पडरौना विधान सभा क्षेत्र से स्वामी प्रसाद मौर्य के सामने अपना उम्मीदवार बनाएगी। स्वामी प्रसाद मौर्य और आर पी एन पहले भी एक दूसरे के खिलाफ लड़ चुके हैं। आर पी एन के पिता कांग्रेस की राजनीति में बडा चेहरा रहे। कांग्रेस नेतृत्व दल के अंदर एक एक कर मची भगदड़ को नहीं रोक पा रही है। आर पी एन कांग्रेस के युवा चेहरा रहे। पहले आदित्य सिंधिया, फिर जितिन प्रसाद और अब आर पी एन का भाजपा में जाना कांग्रेस के भीतर के असंतोष अथवा दिशाहीनता अथवा विपरीत समय मे दल को बांध कर रखने की नेतृत्व क्षमता की कमजोर हालत बयान करता है। आर पी एन सिंह के जाने से झारखंड में कांग्रेस का अगला प्रभारी कौन बनेगा, इस पर अटकल तेज हो गयी है। आर पी एन सिंह झारखंड मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से तालमेल बना कर चलने में सिद्धहस्त माने जाते रहे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में राजेश ठाकुर के चयन में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही। झारखंड कांग्रेस में अब क्या उलट फेर होगा, इसको लेकर भी कयास लगाए जाने लगे हैं।