Ranchi,17 Dec: गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस का मन फट रहा है और उसको लगने लगा है कि उसे गठबंधन धर्म के अनुसार उसका हक और सम्मान उपेक्षित हो रहा है। कांग्रेस प्रदेश के नेता और विधायक यह बोलने लगे हैं कि उनके साथ मजाक किया जा रहा है । कल शाम उन्होंने अपने असंतोष का जो इजहार किया उससे पता चलता है कि झामुमो के साथ कहीं न कहीं से कांग्रेस के रिश्ते में खटास आ रही है, अन्यथा शीत कालीन सत्र के ऐन वक्त पर गठबंधन विधायक दल की बैठक में न जाकर अलग से अपने CLP नेता के घर पर बैठने जैसा सार्वजनिक कदम उठाने की उन्हें नौबत क्यों आयी। वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उराँव और अम्बा प्रसाद के सिवा सभी विधायक और प्रदेश अध्यक्ष बैठक में शामिल हुए। ऐसा लग रहा है , खटपट ज्यादा ही बढ़ गयी है, क्योंकि चाईबासा में एक बड़े सार्वजनिक सरकारी कार्यक्रम में कोल्हान के दो कांग्रेसी 20 सूत्री प्रभारी मंत्रियों बन्ना गुप्ता और बदल पत्रलेख को आमंत्रण कार्ड तक पर जगह नहीं दी गयी। बन्ना गुप्ता कोल्हान से कांग्रेस के एकमात्र मंत्री और उसके वैश्य वोट आधार के एकलौता बड़े नेता हैं। बन्ना गुप्ता समर्थकों ने इसे खास तौर पर बड़ी गंभीरता से उठाया है। कांग्रेस के एक बड़े नेता ने कहा झामुमो को समझ मे आना चाहिए कि कांग्रेस भाजपा को रोकने और झारखंड में स्थायित्व देने के लिए लगातार समझौता करती आ रही है, लेकिन इसे कांग्रेस की कमजोरी नहीं समझना चाहिए । राजनीतिक हलकों में इसे कांग्रेस की प्रेशर टैक्टिस भी मन जा रहा है। उसके पास बहुत सीमित विकल्प है और टूटने का भी खतरा है।