केंद्र पर लगाया ये आरोप
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गंगा सागर मेले को राष्ट्रीय दर्जा देने की मांग की है.मुख्यमंत्री ममता ने गंगा सागर मेले की तुलना कुंभ मेले से की. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “कुंभ मेले में केंद्र सरकार पूरा सहयोग करती है, जबकि गंगा सागर मेले में कोई भी मदद नहीं करती है.”
पश्चिम बंगाल का प्रसिद्ध गंगा सागर मेला आगामी 8 जनवरी से शुरू होने वाला है. मेले को लेकर की गई तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं. ये मेला पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में लगता है. इस बार मेला 08 से 16 जनवरी तक चलेगा. पश्चिम बंगाल सरकार को उम्मीद है कि इस बार मेले में 60 लाख श्रद्धालु पहुंच सकते हैं.
गंगा सागर मेला की कुंभ से तुलना
मुख्यमंत्री ने कहा, “कुंभ मेला पूरी दुनिया में एक दुर्लभ मेला है. यूपी में कुंभ के आयोजन पर केंद्र सरकार ने पूरी मदद की थी. कुंभ मेला को हवाई और रेल मार्ग से अच्छी तरह से जोड़ा गया था. लेकिन गंगा सागर मेले में कोई मदद नहीं मिलती. गंगा सागर मेले में आने के लिए मुरीगंगा पर पुल की जरूरत है. केंद्र को बार-बार कहने के बाद हमें न्याय नहीं मिला. इसकी लागत करीब 10 हजार करोड़ रुपये है और राज्य सरकार अकेले इसका निर्माण करवाएगी.”
केंद्र पर मदद नहीं करने का आरोप
उन्होंने कहा, “गंगासागर मेले में केंद्र सरकार की ओर से 10 पैसे की मदद भी नहीं मिलती है, पूरा खर्च राज्य सरकार ही वहन करती है.” मुख्यमंत्री बुधवार (04 जनवरी) को मेले की तैयारियों का जायजा लेने पहुंची.
मेले में आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं को सहूलियत हो इसके लिए सीएम ने बुधवार को तीन नए हैलीपैड का उद्घाटन किया. सूत्रों ने बताया कि कोरोना के कारण पिछले साल जहां 15.5 लाख तीर्थयात्री गंगासागर मेले में आए थे. वहीं इस बार 8 से 16 जनवरी के बीच 60 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.