आदिवासियों के DNA में डर और भय के लिए कोई जगह नहीं – CM हेमन्त सोरेन

CM ने हाल के घटनाक्रम पर अपनी बात रखते हुए कहा — हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले ही हमारे मन से डर-भय को निकाल दिया है.
मुख्यमंत्री विकास मेला- सह- विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन- शिलान्यास एवं परिसंपत्ति वितरण समारोह में शामिल हुए
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■ मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में 3991 लाभुकों के बीच 5135.92675 लाख रुपए की परिसंपत्ति का किया वितरण

लातेहार। धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा, सिदो-कान्हू, चाँद-भैरव के हम वंशज हैं। जल-जंगल-जमीन और अपने हक के लिए आंदोलन करना हमारे खून में है। विगत 30 सालों से वर्ष के 2 दिन 22 और 23 मार्च को टुटवापनी मोड़ पर फायरिंग रेंज की जमीन वापस पाने को आंदोलन करने के लिए लोग एकत्रित होते थे। इस आंदोलन में गुरुजी शिबू सोरेन ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था। आज उसी आंदोलन के हक में फैसला लेने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ। अब यह जमीन यहां के मूल निवासियों की रहेगी। सरकार इस आंदोलन से जुड़े सभी केस वापस लेने जा रही है। मुख्यमंत्री ने विश्व आदिवासी दिवस के आयोजन को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि दुर्भाग्य है हमारा, हम आदिवासियों का कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री ने आदिवासी समाज को शुभकामना सन्देश देना भी उचित नहीं समझा। इनकी नजर में हम आदिवासी नहीं वनवासी हैं। उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने टुटवापनी मोड़, लातेहार में विकास मेला सह विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन, शिलान्यास एवं परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहीं। इस अवसर पर नेतरहाट फायरिंग रेंज के आंदोलन में शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने हेतु मुख्यमंत्री ने दो मिनट का मौन रखा। साथ ही आंदोलन में मुख्य निभाने वाले केंद्रीय जन संघर्ष समिति के लोगों एवं शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया।

विस्थापितों की पीड़ा से वाकिफ है सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि फायरिंग रेंज के आंदोलन में शहीद, प्रताड़ित, विस्थापित लोगों की पीड़ा को मैं भली-भांति समझता हूं। हमारे लिए जल, जंगल और जमीन ही सब कुछ है। 1965 में जब फायरिंग रेंज स्थापित किया गया, तो यहाँ के गांव के गांव विस्थापित करा दिए गए। विस्थापितों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। आज इस जमीन को वापस लेकर हम इसपर हल बैल के साथ जब तक खेती नहीं करते तब तक इस आंदोलन के शहीदों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि पूरी नहीं होगी।

झारखंडवासियों के चेहरे पर ला रहे हैं मुस्कान

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेतरहाट की वादियों के बीच विकास मेले का आयोजन हमारे मूलनिवासी, आदिवासी, गांव के लोग, किसान भाई के बीच सरकार की कल्याणकारी योजना पहुंच रही है या नहीं, इसे देखने का हमारा प्रयास है। आज करोड़ो की परिसंपत्ति का लाभुकों के बीच वितरण किया जा रहा है और आगे भी जनकल्याणकारी योजनाओं से लोगों को जोड़ने का काम किया जाता रहेगा। हम हर झारखंडवासियों के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम कर रहे हैं। जिनको योजनाओं से जोड़ा गया है, उनके चेहरे पर तो मुस्कान आ गयी है और लोग यह सोच कर भी खुश है कि सरकार हमारे हित के लिए कार्य कर ही रही है।

विभिन्न योजनाओं से लोगों को किया जा रहा लाभान्वित

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जनकल्याण के लिए योजनाओं को बनाने का काम कर रहे हैं। आदिवासियों के सम्मान के लिए हमने जनजातीय महोत्सव मनाया। इसमें राज्य के आदिवासी भाइयों के साथ निकटवर्ती राज्यों के आदिवासी भाई भी आए। उनके बीच संस्कृति का आदान प्रदान हुआ। उन्होंने कहा कि आज गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए पाठ्य पुस्तकें और पोशाक वितरित किये गए। सरकार की विभिन्न योजनाओं से लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। साथ ही इस क्षेत्र के सर्वागींण विकास के लिए सरकार की महती योजनाओं का शिलान्यास और पूरी हो चुकी योजनाओं का उद्घाटन भी किया जा रहा है।

60 योजना का हुआ उद्घाटन एवं 29 योजनाओं का शिलान्यास

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा कुल 23127.80487 लाख रुपये की योजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास एवं परिसंपत्ति वितरण किया गया। जिसमें, 913.66095 लाख रुपये की 60 योजना का उद्घाटन,17078.21717 लाख रुपये की 29 योजनाओं का शिलान्यास एवं 3991 लाभुकों के बीच 5135.92675 लाख रुपए की परिसंपत्ति का वितरण किया गया।

उपस्थिति

कार्यक्रम में लातेहार विधायक बैद्यनाथ राम, विधायक मनिका रामचंद्र सिंह, गुमला विधायक भूषण तिर्की, आयुक्त पलामू प्रमंडल जटा शंकर चौधरी, पुलिस उप महानिरीक्षक, पलामू प्रमंडल राजकुमार लकड़ा, उपायुक्त लातेहार भोर सिंह यादव, जिला प्रशासन के पदाधिकारी, योजनाओं के लाभुक एवं आम जन उपस्थित थे।

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