कहा; श्रावणी मेला का होगा आयोजन, जल्द शुरू होगा एयरपोर्ट, केंद्र से लेकर रहेंगे अपना हक देवघर
देवघर
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना कार्यक्रम में विपक्ष पर राज्य के विकास में बाधा डालने का आरोप लगाया। वहीं दूसरी ओर जनता के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे कार्य और योजना को जल्द लागू करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री पूरे आत्मविश्वास में नजर ए। केकेएन स्टेडियम में आयोजित रोजगार सृजन कार्यक्रम के मंच पर मुख्यमंत्री ने कुल 779 लाभुकों के बीच 4.58 करोड़ रुपये का वितरण किया। मंच पर टोकन में कुछ लाभुकों को चेक दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार राज्य में झारखंडी सरकार बनी है। सरकार अच्छा काम कर रही। कोरोना काल के बाद आठ महीने में सरकार ने विकास की लंबी लकीर खींचने का काम किया है। विपक्ष को इससे दर्द हो रहा है। हवा में हाथ को उठाते कहा कि होने दीजिए। संवैधानिक संस्थानों को राज्य के कोने-कोने में छोड़ रखा है । ताकि काम में व्यवधान प?े। पिछले 20 साल में इनको गड़बड़ी नहीं दिखी।
आज अपने ही पाप को ढूढने निकले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इसका स्वागत करते हैं। उन्होंने सरकार को लेकर आमजन के मन में उठ रहे सवालों का जवाब दिया। मीडिया में हो रही चर्चा का जिक्र किया।
उन्होंने घोषणा की कि इस बार दो साल बाद श्रावणी मेला लगना है। बाबा से आशीर्वाद लेंगे कि मेला ऐसा हो कि अधिक से अधिक लोग आएं। हालांकि मेला में आने वाले लोगों से उन्होंने अपील की कि वह कोराना को देखते हुए एहतियात बरतने में कोई लापरवाही नहीं करें। कहा कि दिल्ली,मुंबई जैसे शहरों में अभी भी खतरा बना हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बार-बार एयरपोर्ट की चर्चा होती है। बताया कि देवघर एयरपोर्ट बनकर तैयार है। यह जल्द शुरू होगा। यह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है। विदेश से भी हवाई जहाज आएंगे। यहां लोग आएंगे तो सबको फायदा होगा। साथ ही केंद्र सरकार से मांग की कि एयरपोर्ट को पानी, बिजली, उसके रख रखाव का 10 वर्ष का बोझ नहीं दे। उसके लिए उसे बख्श दें। क्योंकि यहां दो वक्त का अनाज नहीं मिलता है।
इसलिए केंद्र सरकार यह बोझ राज्य सरकार को नहीं दे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि देखते हैं कि इसमें राज्य सरकार क्या करती है।
राष्ट्रीयकृत बैंक की जगह सहकारिता बैंक से करेंगे काम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में बैंकों के कामकाज पर नाराजगी जताई। कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंक एसपीटी-सीएनटी एक्ट का हवाला देकर लोन नहीं दे रहे। जबकि इसी सीएनटी-एसपीटी एक्ट की लड़ाई लड़ते लड़ते वह यहां पहुंचे हैं। नियम कहता है कि बैंक में जमा धन का 60 फीसद यहीं खर्च करना है। यह लोन, केसीसी या अन्य योजना के लिए हो सकता है। लेकिन बैंक यहां के मूलवासी को लोन नहीं
दे रही है। मुख्यमंत्री ने घोषणा किया कि सरकारी बैंक चालू करेंगे। आने वाले समय में को-ऑपरेटिव बैंक को सशक्त बनाकर काम किया जाएगा।
केंद्र से 1.36 लाख करोड़ लेकर रहेंगे
मुख्यमंत्री ने जनता को संबोधित करते कहा कि 2019 में जब जनता के आशीर्वाद से राजनीतिक जंग जीते तो सूबे में आदिवासी व झारखंडी सरकार बनी। इससे पहले 20 साल में कभी भी झारखंडी सरकार, झारखंडी व्यवस्था और झारखंडी पदाधिकारी नहीं थे। जब सत्ता मिली और उसकी असलियत जाना तो पता चला कि चूहे की तरह खजाने को कुतर-कुतर कर खाली कर दिया गया है। झारखंड जब बर्वादी के अंतिम पायदान पर था तब उनको यह राज्य मिला। पता चला कि भारत सरकार झारखंड की खनिज संपदा का धन राशि लेकर बैठी है। वह राशि 1.36 लाख करोड़ है। मुख्यमंत्री ने जनता को भरोसा
दिलाया कि वह केंद्र सरकार से यह राशि लेकर रहेंगे। इस राशि को यहां के जनमानस पर खर्च करेंगे।