मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द होगी या नहीं या उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगेगी, इन सारी अटकलों पर से कुछ समय बाद विराम हट जाएगा चुनाव आयोग का बंद लिफाफा राज्यपाल के पास आ पहुंचा है राज्यपाल 2:00 बजे तक दिल्ली से रांची पहुंच रहे हैं इसके बाद राज्यपाल क्या फैसला लेते हैं इस पर सबकी नजर टिकी है। सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने राज्यपाल को इस बात की सूचना दे दी है राज्यपाल ने भाजपा की शिकायत के बाद चुनाव आयोग को इस मुद्दे पर अपना मंतव्य देने के लिए लिखा थ मिली जानकारी के अनुसार आज चुनाव आयोग ने अपना पक्ष राज्यपाल को भेज दिया है सूत्रों के अनुसार अभी यह पता नहीं चल पाया है कि हेमंत सोरेन के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई है या सदस्यता रद्द की गई है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरहेट से विधायक हैं अगर चुनाव आयोग का यह आदेश होता है तो उनकी विदाई की जा सकती है। पिछले लंबे समय से यह मामला चुनाव आयोग के पास लंबित था।
इस बीच राज्य के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा है कि सरकार के पास 50 विधायकों का समर्थन है अगर कोई निर्णय खिलाफ जाता है तो हम आगे की लड़ाई लड़ेंगे संभवत सरकार कोर्ट की जा सकती है मंत्री के बयान से यह भी अटकले लगाई जा रही है कि चुनाव आयोग के पत्र के आलोक में राज्यपाल सरकार को बर्खास्त भी कर सकते हैं ऐसी स्थिति में राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है दूसरी ओर यदि मुख्यमंत्री की विधानसभा की सदस्यता रद्द की जाती है तो संभव है कि मुख्यमंत्री इस्तीफा देकर पुनः मुख्यमंत्री की शपथ लें और एक बार फिर से चुनाव लड़े यदि उनकी सदस्यता रद्द करने के बजाए उनके चुनाव लड़ने पर ही रोक लगाने का कोई फैसला होता है तो वैसी सूरत में मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन या मुख्यमंत्री की माता रूपी सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।इस बीच विधायक सरयू राय ने ट्वीट किया है कि
भारत के निर्वाचन आयोग ने झारखंड के राज्यपाल के पास अपनी अनुशंसा भेज दिया है कि
@HemantSorenJMM
भ्रष्ट आचरण के दोषी पाये गये हैं. फलतः ये विधायक नहीं रह सकते. इन्हें अगले तीन वर्षों तक विधायक का चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिया जा सकता है