Jamshedpur,12 Oct : टाटा वर्कर्स यूनियन का चुनाव हए करीब 8 महीने हो चुका है लेकिन अब तक क्लब हाउस में नई कमेटी नहीं बनी। पुरानी कमेटी देखरेख कर रही है। माना जा रहा है कि अध्यक्ष ,डिप्टी प्रेसिडेंट व महामंत्री के बीच नई कमेटी को लेकर कहीं ना कहीं आपसी तालमेल नहीं बन पा रहा है। शहर में टाटा वर्कर्स यूनियन की ओर से 9 क्लब हाउस संचालित किए जा रहे हैं। साकची में दो, बिष्टुपुर में दो, कदमा में तीन और बर्मामाइंस समेत अन्य जगहों पर क्लब हाउस है। टाटा स्टील के कर्मचारियों को क्लब हाउस में अपने बच्चों के शादी -विवाह ,जन्मदिन पार्टी व अन्य समारोह करने के लिए बुक किया जाता है। इसका जो न्यूनतम चार्ज होता है वह टाटा वर्कर्स यूनियन कार्यालय में जमा होता है। चुनाव के 8 महीने बाद भी अब तक क्लब हाउस को लेकर बनने वाली अलग-अलग नई कमेटी का गठन नहीं हो पाया है। पुरानी कमेटी ही क्लब हाउस की देखरेख कर रही है। माना जा रहा है कि नई कमेटी में अध्यक्ष या डिप्टी प्रेसिडेंट या महामंत्री आगे बढ़ने को खुलकर तैयार नहीं है। बिष्टुपुर क्लब हाउस विवाद की जड़ माना जा रहा है। बिष्टुपुर क्लब हाउस कमेटी में ही टाटा वर्कर्स यूनियन के वाइस प्रेसिडेंट संजय सिंह व संजीव तिवारी समेत टॉप थ्री के कई दिग्गज कमेटी मेंबर भी हैं। यह लोग ऐसे लोग हैं जो अध्यक्ष डिप्टी प्रेसिडेंट व महामंत्री के किसी न किसी रूप में करीबी हैं। ऐसे में क्लब हाउस का असली मुखिया कौन होगा इसको लेकर बड़ा पेंच फंसा हुआ। टाटा स्टील के कर्मचारियों से लेकर कमिटी सदस्यों में उत्सुकता है कि आखिर कब तक क्लब हाउस को संचालित करने के लिए नई कमेटी तैयार की जाएगी।