केंद्र का प्रस्ताव:केंद्रीय शहरी विकास सचिव का झारखंड दौरा, केंद्र ने राज्य से मांगा एक शहर में नियो मेट्रो चलाने का प्रस्ताव
रांची
केंद्र सरकार ने आम बजट में पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में मेट्रो की जगह नियो मेट्राे ट्रेन चलाने का रास्ता खोल दिया है। इसकी सौगात झारखंड की राजधानी रांची को भी मिल सकती है। क्याेंकि केंद्र सरकार ने नियाे मेट्रो के लिए झारखंड से एक शहर का प्रस्ताव मांगा है। शुक्रवार काे प्रोजेक्ट भवन में नगर विकास विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए केंद्रीय आवासन व शहरी विकास सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने कहा कि अगले तीन दशक में शहरी आबादी दोगुनी हो जाएगी। देश की अर्थव्यवस्था में शहरी आबादी का बड़ा योगदान है। इसलिए उन्हें मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने पर सरकार का खास जोर है। उन्होंने कहा कि इसके लिए ट्रांसपोर्ट और जलापूर्ति व्यवस्था को सबसे पहले सुदृढ़ करने पर काम चल रहा है।
उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि अगले पांच सालाें में हर घर में शुद्ध पानी पहुंचाने पर काम करें। इस पर नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि रांची में नियाे मेट्रो चलाने का प्रस्ताव जल्दी ही तैयार कर लिया जाएगा। इससे पहले यहां के ट्रैफिक का सर्वे कराकर मांग का आकलन किया जाएगा कि नियो मेट्रो कितना कारगर हो सकता है। उन्होंने बताया कि फिलहल रांची, धनबाद और जमशेदपुर में सिटी बस सर्विस को बेहतर तरीके से चलाने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्रीय सचिव ने कहा कि सिटी बस के लिए केंद्र सरकार हर तरह के सहयाेग के लिए तैयार है।
ट्राम जैसी दिखती है नियो मेट्रो, सड़क पर चलती है
नियाे मेट्राे काेलकाता में चलने वाली ट्राम की तरह हाेती है। यह अन्य गाड़ियाें के साथ ही सड़क पर चलती है, लेकिन इसके लिए अलग काॅरिडाेर हाेता है। यह उन शहराें के लिए कारगर मानी जाती है, जहां यात्रियाें की संख्या कम है। आम ताैर पर बस की तरह दिखने वाली नियाे मेट्राे बिजली से चलती है। इसे चलाने में मेट्राे ट्रेन से एक चाैथाई खर्च हाेता है। इसमें तीन काेच हाेते हैं और टायर भी रबर के हाेते हैं। इसका स्टेशन बस स्टैंड की तरह ही हाेता है। खास बात यह है कि इसके दुर्घटनाग्रस्त हाेने की संभावना काफी कम रहती है।