Jamshedpur,12 feb:विगत देर रात (11-12फरवरी) सर्किट हाउस क्षेत्र में सरयू राय की विधायक निधि से निर्मित पी सी सी पथ के विवरण वाले स्थापित शिला पट्ट को किसी ने ईंट से निर्मित स्तंभ सहित ढाह दिया। यह शिला पट्ट सर्किट हाउस क्षेत्र में रूपेश झा के घर के सामने बनी 500 मीटर पी सी सी सड़क से संबंधित था।
शहर में इन दिनों शिला पट्ट को ढाहने या उस पर कालिख पोतने का नया विवाद शुरू हुआ है। इसी परिप्रेक्ष्य मैं 11 फरवरी को बर्मा माइंस इलाके में पूर्व मुख्य मंत्री रघुवर दास और विधायक सरयू राय समर्थकों के बीच जैम कर अशांति मचाई गयी।
विधायक और चुनावी परिणाम बदलते रहते हैं लेकिन इस तरह की निजी जमींदारी की तरह इलाके में वर्चस्व दिखाने जैसे अमान्य कार्य जहां जन जीवन को अशांत कर रहे वहीं नेताओं से अपेक्षित जनाकांक्षा पूरी नही हो रही।
रघुवर दास की पराजय में उनके ऐसे ही समर्थकों की भूमिका रही जिनको जनता ने बुरी तरह नकार दिया तो विधायक से जुड़े लोग भी शहर में कोई रचनात्मक योजना या कार्यक्रम दिन रात इसी चक्कर में लगे रहने के कारण प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं।
रघुवर दास चुप रहते हैं तो विधायक अपने समर्थकों को संयम से रहने की सीख देते हैं लेकिन यह शब्द जोड़ देते हैं कि गली मोहल्ले में अगर अल्शेसियन काटने दौड़ाते हैं तो वे बच कर चले ,अलबत्ता देख ले कि उनके गले पर किसका पट्टा बंधा है।
अलबत्ता शहर में पश्चिम बंगाल की तरह माकपा- भाकपा बनाम टी एम सी बनाम भाजपा मारकाट के हालात आये दिन देखने को मिलने लगे हैं। सरयू राय की लड़ाई रघुवर दास से देखी जाती है, भाजपा और उसकी विचारधारा से उनको परहेज नहीं दिखाई देता ,अतएव कार्यकर्ताओं को अपना संयम और विवेक नहीं खोना चाहिए। यह औद्योगिक शहर है जहां सभी अपनी रोजी रोटी कमाने आये हैं,यहां जमींदारी तो टाटा स्टील की चलती है ।