नव वर्ष पर दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में पहुंचे पर्यटकों के सामने आया तेंदुआ, दहशत

चौका : दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में तेंदुआ निकलने से पर्यटक भयभीत है। नववर्ष के अवसर पर 1 जनवरी को पिकनिक मनाने झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा आदि राज्य से प्रकृति प्रेमी पहुंचे थे। दलमा सेंचुरी से लौटने के दौरान शाम 6 बजे के आसपास मोटर साइकिल से सवार दो पर्यटक कोटासिनी जंगल के सातघरिया के आसपास जैसे ही पहुंचे उनलोगों ने एक चीता देखा। किसी तरह सैलानी वहां से नीचे उतर कर माकूलाकोचा चेकनाका में दैनिक भोगी मजदूरों को इसकी जानकारी दी। तेंदुआ के कारण पर्यटकों के बीच दहशत का माहौल बन गया। जानकारी मिलते हीं दैनिक भोगी मजदूरों द्वारा इसकी जानकारी दलमा के गार्ड व वन विभाग के पदाधिकारी को दिया गया।

इस वन्य प्राणी आश्रयणी में हाथी के साथ अनेक प्रकार के वन्य जीवजंतु पाए जाते हैं। जैसे दो प्रजाति के सोनाली रंग व काला रंग का चीता, भालू, लकड़बग्घा, हिरण, सियार के साथ निशाचर जीवजंतु भी पाया जाता है। सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी 993.22 वर्ग किलोमीटर भूभाग में फैला है। मालुम हो कि दलमा सेंचुरी में जीवजंतु के आश्रय स्थली के साथ इसे धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में भी लोग जानते हैं। जिसके कारण हर महीने यहां पर्यटक भ्रमण करने पहुंचते हैं। यहां पर गणेश मंदिर, दलमा बूढ़ा बाबा मंदिर, दलमा पाठ, कोटाशिन्नी जंगल दुर्गा माता थान, हनुमान मंदिर काफी प्रसिद्ध है। प्रसिद्ध प्राकृतिक पर्यटन स्थल के साथ दलमा पर्वत श्रृंखला धार्मिक आस्था का केंद्र भी है। इसलिए झारखंड राज्य ही नहीं पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा एवं विदेश से भी यहां पर्यटक पहुंचते हैं ।

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