Chandil: चांडिल रैक से कोयला ओवरलोड ढुलाई मामले में ट्विटर पर कोल्हान डीआइजी ने जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश सरायकेला के पुलिस अधीक्षक को दिया है। झारखंड जनतांत्रिक महासभा नाम के ट्विटर अकाउंट से ओवरलोड कोयला ढुलाई के कारण चांडिल में हो रहे प्रदूषण को लेकर शिकायत की गयी थी। उसी शिकायत पर डीआईजी कोल्हान ने जांच का निर्देश दिया है।
कोयला ढुलाई से परेशान चांडिल के लोगों ने लिया सोशल मीडिया का सहारा
उल्लेखनीय है कि चांडिल स्टेशन पर रेक लोडिंग होती हैं। यहां से हाइवा वाहनों से कोयला की ढुलाई होती हैं । यह कोयला जिले की विभिन्न कंपनियों को जाता हैं। कोयला लोड हाइवा वाहन स्टेशन से चांडिल बाजार होते हुए गोलचक्कर की ओर आते हैं। इन वाहनों में धड़ल्ले से ओवरलोड कोयला ढुलाई होता हैं जिससे सड़क पर जगह जगह कोयले के बड़े बड़े टुकड़े गिरते हैं। बाद में वाहनों के कुचले जाने से वह कोयले के टुकड़े धूल में मिलकर वातावरण में फैलते हैं। इससे चांडिल बाजार से गोलचक्कर तक धूल के गुब्बारे नजर आते हैं। कोयले की धूल उड़ने से यहां के दुकानदारों व निवासियों को काफी परेशानी होती हैं। दिनरात एनएच 32 तथा चांडिल बाजार से होकर ओवरलोड कोयले की ढुलाई होती हैं लेकिन जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं करता हैं। इसलिए प्रायः सवाल खड़े होते हैं कि प्रशासन क्यों ध्यान नहीं देता, जबकि इस सड़क से होकर अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी दिन रात गुजरते हैं। चांडिल मुख्य बाजार के बीच में ही चांडिल थाना प्रभारी व इंस्पेक्टर का कार्यकाल भी है। इसके अलावा इसी रास्ते से उपायुक्त, एसपी, परिवहन एवं प्रदूषण विभाग के अधिकारी आना जाना करते हैं। बताया जाता है कि ओवरलोड कोयला ढुलाई करने वालों को सत्ता पक्ष का संरक्षण प्राप्त है। स्थानीय दुकानदार भी डरे सहमे रहते हैं और खुलकर विरोध नहीं करते हैं।
ओवरलोड प्रदूषण फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई : एसडीओ
चांडिल एसडीओ रंजीत लोहरा से ओवरलोड कोयला ढुलाई के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पूर्व में सभी हाइवा वाहन मालिकों व संचालकों को चेतावनी दी गई थी। यदि अभी भी ओवरलोड कोयला ढुलाई हो रही हैं और प्रदूषण फैल रहा हैं तो निश्चित तौर पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में प्रशासनिक अधिकारी स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को लेकर व्यस्त हैं।
चांडिल थाना प्रभारी सनोज कुमार चौधरी का कहना है कि ओवरलोड के खिलाफ कार्रवाई करना पुलिस का काम नहीं है, यह डीटीओ का काम है और इससे संबंधित सवालों का जबाव भी डीटीओ ही दे सकते हैं।