चांडिल अनुमंडल में सफेदपोश जमीन दलालों का बोलबाला :ग्रामीणों ने घेरा,चिलगु में थी कतिपय पत्रकार भेषधारी दलालों की पिटाई की तैयारी

Chandi,12 July: चांडिल अनुमंडल क्षेत्र इन दिनों जमीन दलालों के कारण सुर्खियों में है। चारों ओर जमीन की खरीद बिक्री चल रही हैं. सरकारी व सीएनटी जमीन की लूट मची हुई हैं। हर चौक चौराहे और होटलों पर जमीन कारोबारियों को अड्डेबाजी करते देखा जा सकता है। इस जमीन खरीद बिक्री के खेल में सरकारी अधिकारियों, सफेदपोश व कतिपय मीडिया कर्मियों की अहम भूमिका देखी जा रही है।
गत दिनों जमीन दलाली के चक्कर में मॉब लिंचिंग होते होते बचा। उग्र भीड़ द्वारा कुछ लोगों को घेरकर रखने का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि ग्रामीण उन दलालों की पिटाई करने की योजना बना रहे थे। गनीमत हुई कि ठीक समय पर पहुंचकर पंचायत के मुखिया व ग्रामप्रधान तथा कुछ सामाजिक कार्यकर्ता के हस्तक्षेप से होने से बच गई। अगर मॉब लिंचिंग में किसी की जान चली जाती तो अनर्थ हो जाता। घटना चांडिल के काठजोड़ गांव की है। चांडिल थाना क्षेत्र के चिलगु पंचायत अंतर्गत काठजोड़ गांव में गत 9 जुलाई (शुक्रवार) को कुछ लोग आदिवासी जमीन (सीएनटी) की खरीदारी में दलाली करने आए थे। इसकी सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और पूछताछ शुरू कर दी। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार काठजोड़ निवासी फूलचांद सिंह, जगन्नाथ सिंह, बलराम सिंह, लक्ष्मण सिंह, मकुल चांद सिंह, चरण सिंह, भारती देवी, शंभू सिंह, कन्हाई सिंह, दिगम्बर सिंह, डमन सिंह आदि की जमीन को कुछ दलाल जमीन हड़पने की नीयत से सादा कागज पर हस्ताक्षर करवा रहे थे। इसकी जानकारी मिलने पर उन लोगों को पकड़कर कर पूछताछ की जा रही थी। बताया जाता है कि काठजोड़ मौजा के खाता संख्या 148 में करीब 80 बीघा जमीन की खरीद बिक्री का यह खेल कई दिनों से चल रहा है। इस 80 बीघा जमीन में करीब 15 बीघा सरकारी जमीन व सड़क भी है। वहीं, आदिम जनजाति समुदाय का श्मशान भी है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां के इंद्रा सबर (आदिम जनजाति) से दलालों ने एग्रीमेंट में हस्ताक्षर कराया है जो बिल्कुल नियम के विरुद्ध है। मुखिया नरसिंह सरदार व काठजोड़ के ग्रामप्रधान आनंद सिंह ने बताया कि गांव के आदिवासी समुदाय की जमीन को खरीदने के लिए कुछ लोग आए थे और कुछ लोगों से हस्ताक्षर करवा रहे थे जिससे क्रुद्ध ग्रामीणों ने उनलोगों से पूछताछ शुरू कर दी थी। लेकिन स्पष्ट जानकारी नहीं मिलने से ग्रामीणों ने नाराजगी जताई और हमें सूचना दी जिसके बाद मौके पर पहुंच कर मामले को शांत कराया। मुखिया व ग्रामप्रधान के हस्तक्षेप के बाद उनलोगों को छोड़ दिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि चार लोग कार में सवार होकर आए थे जिनमें एक बैंक अधिकारी भी थे। बैंक अधिकारी को जमीन दिखाने के लिए लाया गया था ताकि लोन स्वीकृति मिल सके। सूत्रों के अनुसार रांची के एक बड़े संपादक का इस जमीन दलाली में सीधा संबंध है। बताया जाता है कि जब चार लोगों को ग्रामीणों ने घेरकर रखा था तो रांची के बड़े संपादक ने सीधे उपायुक्त को फोन पर सूचना दी जिसके बाद उपायुक्त ने एसडीओ व एसडीपीओ को फौरन जमीन दलालों को छुड़ाने के निर्देश दिए जिसके बाद चांडिल के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी व चांडिल पुलिस हरकत में आई। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी व चांडिल पुलिस की ओर से चिलगु पंचायत के मुखिया को फोन कर बंधक बनाए गए लोगों को फौरन छोड़ने को कहा गया। शुक्रवार से लेकर अभीतक यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
चिलगु पंचायत के मुखिया नरसिंह सरदार ने बताया कि रैयतों से उन्हें जानकारी मिली कि कुछ लोग 20 बीघा जमीन का समझौता करके 80 बीघा जमीन की एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करवा रहे थे। मुखिया ने बताया कि चांडिल के हुमीद निवासी एक व्यक्ति पूरे प्रकरण में दलाली कर रहे हैं जो झोलाछाप डॉक्टर भी हैं। ग्रामीणों का चिकित्सा करने के बहाने उनकी आर्थिक स्थिति की जानकारी प्राप्त करते हैं और बाद में उन ग्रामीणों को जमीन के बदले लाखों करोड़ों रुपए दिलाने का लालच देते हैं। मुखिया के अनुसार फर्जीवाड़ा करके आदिवासियों की जमीन को लूटने की साजिश चल रही थी लेकिन जब ग्रामीणों को भनक लगी तो पूछताछ शुरू की। तभी ग्रामीणों ने उन्हें घेरकर रखा था। सूचना मिलते ही मुखिया व ग्रामप्रधान पहुंचे और ग्रामीणों को समझा बुझाकर लोगों को मुक्त कराया। मुखिया नरसिंह सरदार एवं ग्रामप्रधान आनंद सिंह ने कहा है कि जमीन दलाली करने व आदिवासियों की जमीन हड़पने का साजिश रचने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासन अविलंब कार्रवाई करें। किसी भी कीमत पर आदिवासियों की जमीन लूटने नहीं दी जाएगी।

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