पुलिस-प्रशासन के नाक के नीचे लॉटरी का अवैध कारोबार का चलना बड़ा प्रश्न चिन्ह है ?
चांडिल : सरायकेला खरसावां जिला अंतर्गत चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में लॉटरी का गैर कानूनी धंधा इन दिनों खूब फलफूल रहा है। इसमें लालच के नशे की लत से रातो-रात अमीर बनने का ख्वाब देखने वाले युवा व मजदूर वर्ग के लोग फंसते जा रहे हैं। गरीबों को लाखों-करोड़ों रुपये इनाम का लालच दिखाकर उनकी गाढ़ी कमाई को रोज लूटी जा रही है। चांडिल बाजार, चौका, मुखिया होटल, चांडिल स्टेशन चौक, रघुनाथपुर, चालियामा समेत अन्य स्थानों में रोज सुबह व शाम होटल, चाय व पान की दुकानों में अवैध लॉटरी के एजेंटों को छिपते-छिपाते लॉटरी बेचते हुए देखा जा सकता है। पूरे अनुमंडल क्षेत्र में अवैध लॉटरी की बिक्री अबाध रूप से जोर-शोर से की जा रही है। शहरी व बाजार क्षेत्र के अलावा गांव व टोला में भी अवैध लॉटरी के एजेंट लॉटरी बेचते हुए देखे जा सकते हैं। गौरखधंधा में शामिल एजेंट गांव के मजदूर, छोटे-छोटे दुकानदार व युवाओं को लाखों-करोड़ों रुपये इनाम का लालच दिखाकर लॉटरी बेचते हैं। बताया जा रहा है कि अवैध लॉटरी का कारोबार चाईबासा, जमशेदपुर व पश्चिम बंगाल के बलरामपुर से संचालित हो रहा है। जिसे चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के कोने-कोने में पहुंचाया जाता है। प्रतिदिन दो बार लॉटरी का रिजल्ट आता है। लॉटरी की कीमत पचास, सौ और दो सौ रुपये हैं। प्रतिदिन लगभग चार से पांच लाख रुपये की लॉटरी होती है । झारखंड में लॉटरी खेल पर प्रतिबंध है। बावजूद इसके पुलिस-प्रशासन की नाक के नीचे लॉटरी का अवैध कारोबार का चलना बड़ा प्रश्न चिन्ह है। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में बिकने वाली लॉटरी भी नकली होती है। शायद रात को नकली लॉटरी की छपाई होती है और सुबह होने तक यह इससे जुड़े लोगों तक पहुंच जाता है। इन लॉटरी को लग्जरी कारों से लाया जाता है। धंधे से जुड़े लोगों ने बताया कि पूरे अनुमंडल क्षेत्र में प्रतिदिन लगभग चार से पांच लाख रुपये की लॉटरी की बिक्री होती है।
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि जैसे-जैसे क्षेत्र में लॉटरी का गैर कानूनी धंधा बढ़ रहा है, वैसे-वैसे पारिवारिक कलह भी बढ़ता जा रहा है। लॉटरी में अपने दिनभर की कमाई को लुटाने के बाद जब लोग खाली हाथ घर पहुंचते हैं, तो स्वाभाविक रूप से गरीबों के घरों में पारिवारिक विवाद बढ़ेगी। अवैध लॉटरी का नशा लोगों के नसों में ब्राउन शुगर की तरह घुल गया है, जिससे निजात पाना उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है। दिन पर दिन क्षेत्र के लोग इस गौरख धंधे के दलदल में फंसते जा रहे हैं। पुलिस-प्रशासन को अविलंब इस गौरखधंधे पर लगाम लगाने के लिए पहल शुरू करनी चाहिए, ताकि आने वाले दिनों में लोगों की खुशहाली बनी रहे। अन्यथा दिन व दिन लोग इस दलदल में धंसते चले जायेंगे।