चांडिल : रेलवे बाईपास सड़क पर दिन-रात धूल के गुब्बारे, वैन ने स्कूटी सवार महिला को मारी टक्कर

चांडिल। चांडिल रेलवे बाईपास सड़क पर फाटक संख्या दो के समीप आज शाम को 407 वैन की टक्कर से स्कूटी सवार महिला घायल हो गई। बताया जाता है कि कपाली ओपी क्षेत्र के डोबो निवासी ज्योत्स्ना महतो तेजस्विनी योजना में काम करती हैं। शाम को ज्योत्स्ना महतो चांडिल से स्कूटी सवार होकर अपने घर जा रही थी कि इसी क्रम में पीछे से 407 वैन ने टक्कर मार दी। जिससे महिला स्कूटी के साथ ही सड़क पर गिरकर घायल हो गई। दुर्घटना के बाद राहगीरों ने घायल महिला को चांडिल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गया, जहां घायल का उपचार किया गया। राहगीरों का कहना है कि बाईपास सड़क पर काफी धूल उड़ती हैं, जिसके कारण बड़े वाहन चालकों को दोपहिया वाहन ठीक से दिखाई नहीं देती हैं और नतीजतन दुर्घटना होती हैं।
बता दें कि चांडिल में दो वर्ष पूर्व ही रेलवे बोर्ड द्वारा बाईपास सड़क का निर्माण कराया गया था जो कि निर्माण के छह महीने बाद ही जर्जर हालत में तब्दील हो गई हैं। जिसके कारण बाईपास सड़क में दिन – रात धूल के गुब्बारे उड़ते हैं, जिससे राहगीरों को आवागमन में काफी परेशानी होती हैं और आए दिन छोटी मोटी दुर्घटना होती हैं। चांडिल वासियों को जाम से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से ही राजनेताओं व स्थानीय लोगों ने रेलवे बोर्ड से बाईपास सड़क निर्माण कराने का मांग किया था। तत्कालीन पूर्व उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय सुधीर महतो, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व सांसद रामटहल चौधरी, पूर्व विधायक स्वर्गीय साधुचरण महतो से लेकर वर्तमान रांची सांसद संजय सेठ ने उक्त सड़क निर्माण के लिए भरकस प्रयास किया है। राजनेताओं व स्थानीय लोगों के दो दशक से चली आ रही मांग पर रेलवे ने सड़क का निर्माण कराया था लेकिन निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार ने अपनी खूब मनमानी की और घटिया किस्म का सड़क निर्माण कर चलते बना। ठेकेदार के मनमानी का खामियाजा अब राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। 2020 में सड़क निर्माण के छह महीने बाद उक्त सड़क सैकड़ों गड्ढों में तब्दील हो गई हैं। उदघाटन के बाद छह महीने भी सड़क नहीं टिकने पर सांसद संजय सेठ ने विरोध जताया था और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखकर निर्माण कार्य की जांच करने का मांग किया था। वहीं, ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने और पुनः सड़क का गुणवत्तापूर्ण निर्माण का मांग किया था लेकिन सांसद द्वारा लिखित शिकायत धरी रह गई। न सड़क का पुनः निर्माण हुआ और न ही किसी को इसकी जानकारी मिली कि ठेकेदार के खिलाफ रेलवे विभाग ने क्या कार्रवाई की? अब जर्जर हालत में तब्दील सड़क के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं।

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