चमकता आईना सत्य को साहस के साथ प्रकाश में लाने की ओर अग्रसर

जो भी कार्य निष्ठा, ईमानदारी, सत्य की खोज, खोजी निगाहें एवं यथार्थ के चित्रण पर अपना ध्यान केन्द्रित करेगा, वह कार्य निश्चित रुप से समाज, शहर, गांव, प्रदेश, देश और दुनियां के आकर्षण का केन्द्र होगा। जिससे सबका हित होगा। लोक हित होगा, लोक कल्याण होगा। वह व्यापक लोगों द्वारा सराहा जायेगा।

चमकता आईना
यदि आईना साफ हो, चमकदार हो, उसमें कुछ अलग से पर्दा नहीं लगा हो तो वह सही तरीके से वस्तु जिस रुप में है उसको प्रतिबिंवित करेगा। मैंने यह पाया है, सुना है, समझा है और देखा है कि ‘चमकता आईना’ समाचार जगत पर इसी प्रकार के समाचार, दर्शन एवं भावों को प्रस्तुत करता है। अपनी जिन्दगी जीवन यात्रा में मैं विश्व के किसी कोणे में रहूं वहां का खास स्थानीय अखबार अवश्य पढ़ता हूं। स्थानीय अखबार बड़े-बड़े समाचारों के साथ प्रमुखता से स्थानीय समाचारों को स्थान देता हैं, कई स्थानीय पत्र पत्रिकायें चकाचौंध की दुनियां में अपने चमक को खो बैठते हैं। ‘चमकता आईना’ की चमक धूमिल नहीं होती है। यह अखबार कोने-कोने में घटित होने वाली घटनाओं पर अपना ‘सत्य नजर’, ‘सत्य खोजी नजर’ रखती है और सत्य को साहस के साथ प्रकाश में लाने की ओर अग्रसर है।

स्तंभ
सामान्यतया लोग ‘‘स्तंभों’’ की बात करते हैं। स्तंभ जैसे एक मजबूत भवन के निर्माण में अपनी सार्थक, समर्थ, टिकाऊ भूमिका निभाती है वैसे ही लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ भी है। जैसे मकान के स्तंभ में निर्माण सामग्री के चयन में सीमेंट की जगह बालू का ही अधिक उपयोग हो तो इसके सार्थक, समर्थ और टिकाऊ होने पर प्रश्न चिह्न लगेंगे। चौथे स्तंभ में सत्य के अंश की समीक्षा हमें सत्य रूप में करनी होगी। ‘चमकता आईना’ सत्य को समझने, खोजने एवं प्रकाश में लाने का आज के जोखिम भरे समय में और ‘बाजारबाद’ के तांडव नृत्य करने वाले समय में भी सत्य प्रकाशित कर रहा है। समाज, देश दुनियां के लिये यह जरुरी है। यही स्तंभ जिसका बुनियाद, आधार, संरचना, सत्य है। हमें दशा और दिशा के बारे में ‘संदेशा’ दे सकता है। ‘चमकता आईना’ एक ऐसा ही संदेशा है।

स्थानीय रचना धर्मियों को समुचित स्थान
‘चमकता आईना’ प्रमुखता से स्थानीय रचना धर्मियों को समुचित स्थान प्रदान करता है। यह गौरव एवं प्रसन्नता की बात है कि जमशेदपुर, रांची, धनबाद, झारखंड, बिहार, बंगाल, उडि़सा, छत्तीसगढ़ हमारे लिये स्थानीय है लेकिन खनिज सम्पदा के अलावा यहां की मानवीय संपदायें, मेघा,मनीषा, आभा, प्रतिभा अनेकानेक क्षेत्रों में विश्व मानक गुणवत्ता की है। लोकल यदि ग्लोबल है तो इसे स्थान प्रदान कर इसे प्रकाशित कर हम एक वैश्विककार्य कर रहे हैं। पाठकगण इस बात को बखूबी मानते हैं और सराहना करते हैं कि ‘चमकता आईना’ इस चमकपूर्ण कार्य को सम्मान पूर्वक करता है।

‘चमकता आईना’ अपनी चमक, चमत्कार, सामाजिक, राष्ट्रीय सरोकार को प्रकाशित करते हुए कोयला, बिजली, इस्पात और प्रचूर खनिज सम्पदा ने परिपूर्ण भू क्षेत्र को लगातार पल्लवित, पुष्पित, कलित करने में अपनी समर्थ, सार्थक भूमिका को प्रकाशित करते रहे, यह आशा, भावना और प्रार्थना निवेदित है।

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