चक्रधरपुर नगर परिषद जलापूर्ति योजना पर सवाल, सौ दिन चले ढाई कोस , खाने- पकाने वाली योजना न साबित हो जाए

Chakradharpur,30 June: पूर्व भाजपा जिला उपाध्यक्ष पवन शंकर पाण्डेय ने चक्रधरपुर नगर परिषद की जलापूर्ति योजना के क्रियान्वयन की रफ्तार पर सवाल उठाये हैं और सरकार का ध्यान इसकी सुस्त चाल की ओर आकर्षित किया है। चाईबासा शहरी जलापूर्ति योजना का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना कई वर्षों से चल रही है, परंतु अब तक पूर्ण नहीं हो पायी। कहीं यही हाल चक्रधरपुर जलापूर्ति योजना का भी नही हो जाये । चक्रधरपुर शहरी जलापूर्ति योजना की देखरेख चक्रधरपुर नगर परिषद के द्वारा संपन्न होना है जिसकी कार्यकारी एजेंसी जुड़को है। एकरारनामा 27/12/2017 को हुआ जिसमे पूरा करने की तिथि 26/12/2019 थी। परंतु अवधि विस्तार कर उसे 25/6/2021 तक किया गया।यह अवधि भी समाप्त हो चुकी है, परंतु कार्य अब तक आधा भी नहीं हो पाया है। प्राक्कलित राशि 51 करोड़ 25 लाख थी और एकरारनामा हुआ था 49 करोड़ 29 लाख का। विभाग द्वारा कार्य की भौतिक स्थिति 60% बताई गई है जो पूर्णता मिथ्या है। विभाग को जहां से पानी लाना है वहां अब तक कोई कार्य हुआ ही नहीं है जबकि पहले वही कार्य होना चाहिए था। कार्यकारी एजेंसी द्वारा शहर में जहां-तहां गड्ढा खोदकर पाइप बिछाए जा रहे हैं। उससे संबंधित लगभग 17 करोड की राशि का भुगतान हो चुका है। यदि जहां से पानी लाना है वहां से पानी नहीं आ पाया तो जनता का करोड़ों रुपया बेकार चला जाएगा । नगर परिषद पदाधिकारी को भी संज्ञान लेते हुए पहले जहां से पानी लाना है वहां कार्य करना चाहिए था। ऐसा ना हो यह योजना भी एजेंसी और नगर परिषद के लिए कामधेनु साबित हो जाए। काम होगा नहीं प्राक्कलित राशि बढ़ती चली जाएगी और राशि का बंदरबांट होता रहेगा।

Share this News...