सीजीपीसी का चुनाव : लगता है सेवा नहीं, नेतागिरी है मकसद

जमशेदपुर, : यहां सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) का चुनाव क्या हो रहा है, लगता है किसी सेवादार का सेवा के लिये नहीं, किसी नगर निगम या नगरपालिका के मेयर या अध्यक्ष का चुनाव हो रह है, जहां सेवा नहीं आजकल धन उगाही की प्रधानता होती है. शहर में विभिन्न स्थलों पर उम्मीदवार द्वारा लगाये गये पोस्टर इसकी एक बानगी है. पिछले चुनाव में जहां मुखे जैसे प्रधान सेवादार का चयन हुआ, और उनकी सेवा आज अखबारों की सुर्खियां बने हुए हैं उससे उम्मीदवारों ने कोई सीख नहीं ली लगता है. आज समाज की गरिमा और गुरु घर की सेवा के प्रति आस्था के बजाय पता चलता है कि सेंट्रल गुरुद्वारा परिसर में संचालित छात्रावास की कमाई पर सबकी निगाह है. कल्याण मंत्रालय से इस छात्रावास का निर्माण क्या हो गया कि प्रबंधक कमिटी के लोग सेवा कार्य भुलकर उसे चलाने और उससे कमाने में ही एक दूसरे की पोल खोलते रहे. और इसी होड़ में एक दूसरे को पीछे छोडऩे में आम चुनाव की भांति लग गये हैं. आज इसमें प्रशासन को भी जैसा कि सूचना है पहल करनी पड़ी और चुनाव की पूर्व निर्धारित तिथि 11 जनवरी को आगे बढ़ाने की दिशा में पहल करने का एक पक्ष को भरोसा देना पड़ा.हलांकि बाद में सरदार शैलेंद्र सिंह ने कहा कि चुनाव 11 को ही होगा। उपायुक्त ने इस बावत बन्ना गुप्ता से बात की है।
देश के साथ-साथ जमशेदपुर में भी सिखों का एक गौरवशाली इतिहास है और गुरुद्वारा निर्माण में एक से एक नामचीन हस्तियों ने त्याग किया है. आज और पिछले कुछ समय से कमिटियों के चुनाव के नाम पर जो कुछ नजारा और जोर आजमाइश होती दिखती है, उससे नहीं लगता कि यहां सेवा की कोई भावना बच गई है.
चुनाव में दो खेमे जोर आजमाइश कर रही है. पहला भगवान सिंह खेमा है तो दूसरा हरमिंदर सिंह मिंदी. मिंदी गुट के लोग आज स्वास्थ्यमंत्री बन्ना गुप्ता और उपायुक्त विजया जाधव से मिले. अपुष्ट खबरों के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री ने डीसी से बातें की, डीसी ने मिंदी खेमा को आश्वस्त किया कि वोटर लिस्ट में जिन गुरुद्वारों को बाहर किया गया है उसका हल निकाला जायेगा और उसके बाद 15 दिन बाद चुनाव होगा. ताकि दूसरे उम्मीदवारों को भी प्रचार का मौका मिल सके. दरअसल, सोमवार को सीजीपीसी चुनाव संचालन समिति ने 11 जनवरी को चुनाव कराने की अधिसूचना जारी की थी और टिनप्लेट व सीतारामडेरा को वोटिंग राइट्स से बाहर कर दिया था. इसे लेकर अन्य उम्मीदवार हरमिन्दर सिंह मिंदी, महेंद्र सिंह बोझा समिति पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए डीसी से मिलने समर्थकों के साथ पहुंचे थे. जहां मंत्री के साथ डीसी बैठक में थी.
बैठक से निकलने पर समाज ने अपनी बात प्रशासन के सामने रखी, जिसपर डीसी ने उनकी बातों को मान लिया और चुनाव की तारीख आगे करने का आश्वासन दिया. मिंदी ने कहा कि उन्हें पांच सदस्यीय कमेटी पर भरोसा नहीं है.

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