शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को साल से सम्मानित करते शैलेंद्र सिंह
साल 2014 में सिंहभूम सीट की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले शैलेंद्र
को कल की बैठक से क्यों रखा गया दूर
जमशेदपुर : झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में पिछले 2019 के आम चुनाव में भाजपा को जिन दो सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था, उनमें एक सीट सिंहभूम की है. तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ (अब दिवंगत) को हराकर गीता कोड़ा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीती थीं. इस सीट पर भाजपा की स्थिति को मजबूत करने की जिम्मेवारी केन्द्रीय राज्यमंत्री आदिवासी कल्याण भारत सरकार रेणुका सिंह मिली है. वे तमान हालात पर चिंतन करने के लिये चाईबासा में कैंप कर रहीं है. कल वे इस मुद्दे पर संसदीय सीट की जो कमिटी बनी है, उसके पदाधिकारियों, सदस्यों से मिली लेकिन आश्चर्यजनक रुप से साल 2014 के पश्चिम सिंहभूम जिला प्रभारी एवं इसी संसदीय क्षेत्र में रहनेवाले शैलेन्द्र सिंह को उस बैठक के लिये आमंत्रण नहीं मिला. साल 2014 में जब वे जिले के प्रभारी थे तो उस समय केवल पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की छह विधान सभा क्षेत्रों में चुनावी सभा हुई थी।, तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजननाथ सिंह की मझगांव में चुनावी सभा हुई थी। उस समय न तो केंद्र में और न ही राज्य में भाजपा सत्ता में थी। लेकिन तब लक्ष्मण गिलुआ बड़े अंतर से सिंहभूम सीट जीते थे. लेकिन साल 2019 में जब केन्द्र और प्रदेश दोनों जगह भाजपा की ‘डबल इंजन की सरकार’ थी और लक्ष्मण गिलुआ तब प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेवारी संभाल रहे थे, बावजूद इसके भाजपा को यह सीट हरानी पड़ी. उस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चाईबासा में सभा हुई थी। मुख्यमंत्री रघुवर दास की भी चुनावी सभआ हुई। कर्ई अन्य नेताओं की चुनावी सभा हुई लेकिन भाजपा सीट हार गई।
चर्चा है कि पार्टी के अंदरुनी गुटबाजी के कारण शैलेन्द्र सिंह को इस बैठक से अलग रखा गया. आज शैलेन्द्र सिंह चाईबासा सर्किट हाउस पहुंचे और वहां श्रीमती रेणुका सिंह को शॉल से सम्मानित किया. वहां उनके साथ संगठन के मुद्दे पर चर्चा भी की. शैलेन्द्र सिंह फिलहाल सिमडेगा के जिला प्रभारी हैं. वे प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य भी हैं. इतनी महत्वपूर्ण बैठक से शैलेन्द्र सिंह को अलग रखे जाने को लेकर तरह तरह की चर्चा हो रही है.