नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को राशन कार्डधारकों को राहत प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त खाद्यान्न आपूर्ति को मार्च, 2022 तक बढ़ाने का फैसला किया। पीएमजीकेएवाई के तहत 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त प्रदान दिया जाता है।इधर, एक और फैसले में कैबिनेट ने तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच दिन पहले (19 नवंबर) गुरु पर्व के दिन इन तीनों कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। कैबिनेट की मंजूरी के बाद कानून वापसी के प्रस्ताव को संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में पारित करवाया जाएगा। इसके बाद किसान आंदोलन की वजह बने तीनों कृषि कानून खत्म हो जाएंगे।
कोविड-19 महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन के बीच गरीबों को राहत प्रदान करने के लिए यह योजना अप्रैल, 2020 में 3 महीने के लिए शुरू की गई थी। तब से इसे कई बार बढ़ाया जा चुका है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सामान्य कोटे से अधिक पांच किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएमजीकेएवाई को मार्च, 2022 तक 4 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे राजकोष पर अतिरिक्त 53,344 करोड़ रुपए का बोझ आएगा। उन्होंने कहा कि पीएमजीकेएवाई की कुल लागत इस विस्तार को मिलाकर लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगी।
पीएमजीकेएवाई को कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुए संकट के दौरान 3 महीने (अप्रैल-जून 2020) के लिए शुरू किया गया था। हालांकि संकट जारी रहने के साथ कार्यक्रम को और 5 महीने (जुलाई-नवंबर, 2020) के लिए बढ़ा दिया गया था।
महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत के बाद पीएमजीकेएवाई को एक बार फिर 2 महीने (मई-जून, 2021) के लिए शुरू किया गया था और इसे आगे 5 महीने (जुलाई-नवंबर, 2021) के लिए बढ़ा दिया गया था।