सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की रोक लगाने की मांग
नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने ऑफलाइन परीक्षाओं को रद्द करने की मांग वाली याचिका बुधवार को खारिज कर दी है। देश भर में 10वीं और 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स के लिए बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन मोड में ही आयोजित होगी। सुनवाई के दौरान जस्टिस ए.एम. खानविलकर ने कहा कि इस तरह की याचिका पब्लिसिटी पाने के लिए दायर की जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसी याचिकाओं से स्टूडेंट्स में भ्रम की स्थिति बन जाती है। कोर्ट ने इस तरह की याचिका दायर करने पर रोक लगाने के लिए कहा। याचिका में CBSE, ICSE और NIOS समेत सभी राज्यों के तरफ से आयोजित की जाने वाली ऑफलाइन यानी फिजिकल बोर्ड एग्जाम को रद्द करने की मांग की गई थी।
इस मामले में कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की अपील मंजूर की थी। इसके बाद जस्टिस ए.एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका की अग्रिम प्रति केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के स्थायी वकील और अन्य प्रतिवादियों को देने का निर्देश दिया था। पीठ ने बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई की और फिजिकल बोर्ड एग्जाम ही कराने में किसी तरह की अड़चन नहीं होने की बात मानी। इसके बाद याचिका को खारिज कर दिया।
ऑफलाइन क्लासेस नहीं चलीं तो फिर ऑफलाइन परीक्षा क्यों?
याचिकाकर्ता के वकील ने मंगलवार को कोर्ट में कहा कि कोरोना केस घटने के बावजूद ऑफलाइन कक्षाएं आयोजित नहीं की गई। वहीं, कक्षाएं भी पूरी नहीं हुई हैं तो फिर ऑफलाइन परीक्षाएं कैसे आयोजित की जा सकती हैं? इन्हें रद्द करना चाहिए और वैकल्पिक मूल्यांकन प्रक्रिया तैयार की जानी चाहिए।
इसके बाद जस्टिस ए.एम. खानविलकर की बेंच ने मौखिक रूप से पूछा कि बिना कोर्स पूरा किए परीक्षा कैसे हो सकती है? बता दें कि CBSE ने 10वीं और 12वीं की टर्म-II बोर्ड परीक्षा 26 अप्रैल से आयोजित करने का फैसला किया है।