Modi कैबिनेट ने बड़ा बदलाव करते हुए किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय वापस ले लिया है. उनकी जगह अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने में देरी, न्यायपालिका से सार्वजनिक टकराव ऐसी कई चीजें थीं, जिसे लेकर प्रधानमंत्री उनके नाराज थे, जिसका खामियाजा रिजिजू को भुगतना पड़ा है.
केंद्र सरकार कॉमन सिविल कोड को लेकर गंभीर है. इसे लेकर कई बैठकें भी हो चुकी हैं. बीजेपी शासित राज्यों में इसे लागू भी किया जा रहा है. इस कानून को देशव्यापी लागू करने का जिम्मा कानून मंत्रालय को सौंपा गया था जिसमें लगातार देरी हो रही थी. माना जा रहा है कि इस बात को लेकर प्रधानमंत्री काफी नाराज थे. इसी नाराजगी का खामियाजा रिजिजू को भुगतना पड़ा.
न्यायपालिका पर बयानों से थी नाराजगी
न्यायपालिका और कानून मंत्री के बीच सार्वजनिक टकराव और क़ानून मंत्री के न्यायपालिका को लेकर दिये गए बयानों से सरकार में उच्च स्तर पर नाराजगी थी. सरकार नहीं चाहती थी कि न्यायपालिका के साथ टकराव सार्वजनिक रूप से दिखे.
तकरीबन डेढ़ महीने पहले कानून मंत्री के न्याय पालिका को लेकर दिए गए एक सार्वजनिक बयान ने सरकार को नाराज कर दिया था. तब ही तय हो गया था कि किरण रिजिजू को कानून मंत्रालय से हटाया जाएगा, लेकिन कर्नाटक चुनाव को वजह से रिजिजू को कुछ दिनों का जीवन दान मिल गया था.
15 दिन पहले ये तय हो गया था कि कर्नाटक चुनाव के बाद किरण रिजिजू से कानून मंत्रालय ले लिए जाएगा, जिसकी घोषणा आज हो गई. रिजिजू को भू-विज्ञान मंत्रालय दिया गया है, जबकि कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी अब स्वतंत्र प्रभार के रूप में अर्जुन राम मेघवाल को सौंपी गई है.
मेघवाल के मंत्री बनने का चुनाव कनेक्शन
अर्जुन राम मेघवाल राजस्थान के बीकानेर से लोकसभा सांसद हैं पूर्व नौकरशाह अर्जुन राम मेघवाल तीसरी बार सांसद चुने गए हैं राजस्थान में विधानसभा चुनावो के मद्देनज़र उनकी पद्दोन्नति के राजनीतिक मायने भी हैं बीकानेर के छोटे से गांव शमीदेसर में जन्मे मेघवाल अनुसूचित जाति से आते हैं.