बिहार में बहा एक और पुल, हाल ही में बनकर हुआ था तैयार, जिला मुख्यालय से लोगों का टूटा संपर्क

पटना 28 जून बिहार के वैशाली जिले में जिला मुख्यालय हाजीपुर को राघोपुर गांव से जोडऩे वाले अस्थायी पुल (पीपा पुल) का एक हिस्सा गंगा नदी में बह गया। मंगलवार शाम को पुल बह गया। अब राघोपुर के ग्रामीण जिले के बाकी हिस्सों से कट गये हैं। राघोपुर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का विधानसभा क्षेत्र है। स्थानीय निवासियों ने दावा किया कि तूफान के साथ भारी बारिश के बीच पुल का हिस्सा बह गया। इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। लोगों को अब इस पुल के पार जाने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या कहा स्थानीय लोगों ने
स्थानीय लोगों के लिए आवागमन का यह पीपा पुल एकमात्र सहारा था। इस पुल के बह जाने से लोगों में चिंताएं हैं। हाल के दिनों में इस पुल इतनी जल्दी बन पाएगा या नहीं, इसको लेकर शंका है। यही कारण है कि लोगों को अब गंगा मैया पर ही उम्मीद है। लोग कह रहे हैं कि गंगा मैया की कृपा पर ही हम नदी को पार कर सकेंगे। लोक इसको लेकर भी चिंतित है। दूल्हा-दुल्हन को अब नाव से ही नदी के पार ले जाना पड़ेगा। केवल नाव ही अब यातायात का सहारा है। पूरी बरसात और उसके बाद भी राघोपुर के लोगों को पुल का इंतजार ही करना पड़ेगा।

भाजपा का आरोप

भाजपा इसको लेकर आप भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। स्थानीय भाजपा नेता गौतम सिंह ने दावा किया कि सरकार का 85 लाख रुपए खर्च होने के बावजूद भी यह पुल बह गया। काफी लेट से संवेदक की ओर से पीपा पुल लगाया गया और जैसे-तैसे अप्रोच रोड बनाया गया था।

नाविकों की बल्ले बल्ले

स्थानीय इलाके में नाविकों की अब बल्ले बल्ले हो गई है। पीपा पुल के बह जाने से नाविकों ने भी नाव का किराया बढ़ा दिया है। पहले प्रति व्यक्ति 10 रुपये लगता था। अब उसे 20 रुपये कर दिया गया है। नाव पर ओवरलोडिंग की शुरू हो गई है जिसकी वजह से खतरा बरकरार रहता है।

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