रविन्द्र भवन में पुस्तक मेला 11 नवंबर से, डीसी करेंगी उद्घाटन, प्रवेश शुक्ल मात्र 5 रुपये, विद्यार्थियों के लिये केवल 2 रु

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सोम-शुक्र तक अपराह्न 2 बजे, शनि-रवि को पूर्वाह्न 10.30 से मिलेगा प्रवेश
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जमशेदपुर, 9 नवंबर (रिपोर्टर) : शहरवासियों को आगामी 10 दिनों तक पुस्तकों को दुनिया में ले जाने के लिये साकची टैगोर सोसायटी (रविन्द्र भवन) स्थित मैदान में 11 से 20 नवंबर तक पुस्तक मेला का आयोजन किया जाएगा. उक्त जानकारी आज टैगोर सोसायटी परिसर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सोसायटी के अध्यक्ष डा. एचएस पॉल तथा महासचिव आशीष चौधरी ने दी. उन्होंने बताया कि देश दुनिया के जानेमाने प्रकाशकों के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर के वितरक भी पुस्तक मेला में शामिल होकर बेहतरीन पुस्तकों के साथ अपने स्टॉल लगायेंगे. इसका उद्घाटन 11 नवम्बर को संध्या 6.30 बजे जिले की उपायुक्त विजया जाधव तथा विशिष्ट अतिथि कोल्हान यूनिवर्सिटी के उप कुलपति डा. प्रोफेसर गंगाधर पांडा एवं टैगोर सोसाईटी के पदाधिकारी संयुक्त रुप से करेंगे.
मेला का आनंद लोग सोमवार से शुक्रवार तक अपराह्न 2 से रात्रि 8.30 बजे तक तथा शनिवार व रविवार को सुबह 10.30 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक ले सकेंगे. यहां इंट्री फी के रुप में मात्र 5 रुपये चुकाने होंगे. स्कूली बच्चों के लिये छूट का प्रावधान है. बच्चे अपने अभिभावकों के साथ मात्र 2 रुपये इंट्री फी के साथ प्रवेश पा सकेंगे. एक बच्चा 3-4 टिकट (अभिभावकों के साथ) खरीद सकेंगे. सुरक्षा के मद्देनजर इंट्री गेट से लेकर चारों ओर सीसीटीवी लगाया गया है. सुरक्षाकर्मी व स्थानीय पुलिस की भी प्रतिनियुक्ति की जाएगी. संवाददाता सम्मेलन में सहायक महासचिव सुदीप बासु तथा ग्राउंड इंचार्ज जयदेव घोष भी मौजूद थे.

कई स्थानीय भाषा के साहित्य भी होंगे उपलब्ध
पंडाल को दिया तिरंगा का स्वरुप
इसबार आयोजकों ने पुस्तक मेला पंडाल को तिरंगा का स्वरुप दिया है. आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ऐसे सज्जा की गई है, जो काफी आकर्षक लग रहा है. आयोजकों ने बताया कि पुस्तक मेला में दिल्ली, कोलकाता, पटना, मुम्बई आदि नगरों के प्रकाशक हिन्दी, बंगला, इंग्लिश, उर्दू सहित यहां के स्थानीय भाषाओं में संथाली, हो, कुरमाली के साहित्य भी उपलब्ध रहेंगे. इस वर्ष पुस्तक मेले में 70 स्टाल विभिन्न प्रकार के पुस्तकों को पुस्तकप्रेमियों के सामने प्रस्तुत करेंगे. महासचिव आशीष चौधरी ने बच्चे व युवा वर्ग को मेला में आकर पुस्तक जरुर खरीदें और पढ़ें. इससे अच्छा शौक कोई नहीं और इससे प्राप्त होने वाला ज्ञान भी अन्य किसी माध्यम में उपलब्ध नहीं है.

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