केरल की ब्लॉगर और एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट (SC) ने हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाई, जिसमें रेहाना फातिमा पर इंटरनेट में कोई भी सामग्री डालने की पाबंदी लगाई गई थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रेहाना फातिमा को हिदायत भी दी कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला कोई पोस्ट ना करें. इससे पहले हाईकोर्ट ने रेहाना फातिमा को जमानत देते हुए उसकी शर्तों में इंटरनेट बैन का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने आदेश तब दिया था, जब एक व्यंजन की रेसिपी बताते हुए रेहाना ने बार-बार मांस के लिए गौमाता शब्द का इस्तेमाल किया था.
केरल की ब्लॉगर और एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा अक्सर सुर्खियों में रहती हैं. बीते दिनों रेहाना फातिमा ने खाने से जुड़े एक शो के दौरान मांस के लिए बार-बार गौमाता शब्द का प्रयोग किया था. रेहाना फातिमा ने इससे जुड़े वीडियो को सोशल मीडिया पर भी अपलोड किया था. रेहाना ने वीडियो में कई बार इस बात का जिक्र किया कि वह ‘गोमाता’ का मांस पका रही हैं. जिसके बाद पुलिस ने रेहाना फातिमा के खिलाफ सेक्शन 153 के तहत केस दर्ज किया था.
इस मामले में हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि इससे ऐसा लगता है कि जैसे गलत उद्देश्य के साथ इस शब्द का इस्तेमाल किया गया है. हाईकोर्ट ने कहा था कि किसी की धार्मिक भावना को आहत करने का किसी को भी अधिकार नहीं है. हाईकोर्ट ने रेहाना फातिमा पर सोशल मीडिया से अपने विचारों की अभिव्यक्ति करने पर रोक लगा दी थी.
वहीं इससे पहले रेहाना फातिमा ने नाबालिग बच्चों से अपने अर्द्धनग्न शरीर पर पेंटिंग करवाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था. जिसके बाद वो काफी सुर्खियों में रही थीं. इस मामले में भी पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. रेहाना फातिमा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. रेहाना फातिमा ने साल 2018 में सबरीमला स्थित भगवान अय्यप्पा के मंदिर में प्रवेश करने का भी प्रयास किया था.