जमशेदपुर, 18 मई : कोरोना से ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस का शिकार एक मरीज ने आखिरकार अपने घर पर ही दम तोड़ दिया. परिजन ब्लैक फंगस की दवा के लिए व मरीज को भर्ती कराने के लिए अस्पताल में 48 घंटे से दौर रहे थे लेकिन दवा नहीं रहने से भर्ती नहीं लिया गया था.
आदित्यपुर के 34 वर्षीय युवक को पिछले दिनों कांतिलाल गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह कोरोना पॉजिटिव था. उसे ऑक्सीजन पर रखा गया था. बाद मेंं उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी लेकिन उसे ब्लैक फंगस हो गया था. केजीएमएच से छुट्टी कराने के बाद परिजन उसे घर लेकर चले गए थे. सोमवार की शाम उसकी हालत खराब हो गई थी जिसके बाद उसे टीएमएच लाया गया. बताया जाता है टीएमएच में ब्लैक फंगस की दवा नहीं रहने के कारण भर्ती नहीं लिया गया था. परिजनों ने दो बाद टीएमएच मेंं भर्ती कराने के लिए लाया था. बताया जाता है कि चिकित्सकों ने उसकी शुरूआत की जांच मेंं ब्लैक फंगस का लक्षण बताया है और इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन-बी लाने को कहा. परिजन दवा के लिए शहर के कई जगहों पर पिछले दो दिनों से भटक रहे थे लेकिन कहीं भर्ती नहीं लिया गया था. परिजनों ने अपने जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से भी मरीज को दवा दिलाने की गुहार लगायी थी लेकिन दवा नहीं मिली. जमशेदपुर क्या पूरे झारखंड में कही ंभी ब्लैक फंगस के इलाज की दवार एम्फोटेरिसिन-बी नहीं मिली. मंगलवार की देर रात उसकी मौत हो गई. वह घर का बड़ा पुत्र था उस पर परिवार की भी जिम्मेदारी थी. बताया जाता है कि उसे तीन वर्ष का लडक़ा व एक वर्ष की एक लडक़ी भी है.