जमशेदपुर, 17 अगस्त : भाजपा महानगर के जिला महामंत्री राकेश सिंह ने भाजपा से निष्कासित अमरप्रीत सिंह काले के नाम के साथ पार्टी का नाम लिखे जाने पर आपत्ति दर्ज किया है. महानगर द्वारा जारी खबर के मुताबिक दावा किया गया है कि समाचारपत्र के संपादकों को पत्र लिखकर किसी समाचार में उनका नाम भाजपा के साथ जोडक़र प्रकाशित नहीं करने की मांग की है.यह विज्ञप्ति जिला भाजपा के व्हाट्सप्प ग्रुप में जारी की गई है। समाचार लिखे जाने तक ऐसा कोई पत्र अखबार के कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है. विज्ञप्ति के अनुसार राकेश ने कहा कि गत 2019 विधानसभा चुनाव मेें श्री काले की सक्रिय सदस्यता निरस्त करते हुए छह वर्षों के लिये निष्कासित किया था. अब उनके नाम के साथ भाजपा जोडऩे से पार्टी की छवि खराब हो रही है.
जिला महामंत्री को संगठन ने क्या इस तरह का पत्र और विज्ञप्ति जारी करने के लिये अधिकृत किया, जबकि यहीं पार्टी के एक प्रदेश प्रवक्ता का निवास है? प्रदेश अध्यक्ष ने संपर्क करने पर फोन नहीं उठाया. क्या भाजपा अब संपादकों के विवेक पर भी अपना ‘राज’ चलाना चाहती है? क्या भाजपा किसी व्यक्ति की पहचान को भी पार्टी से निष्कासित करने के बाद छीन लेने का अधिकार रखती है, जबकि निष्कासन और उसके पूर्व जांच संबंधी प्रतिवेदन की प्रतिलिपि या विज्ञप्ति आजतक भाजपा ने जारी नहीं की. झारखंड और जमशेदपुर में हुई पराजय का कारण कहीं इसी तरह का अनधिकृत या अतिक्रमित प्रयास तो नहीं था? भाजपा के आदर्श पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता……. क्या झारखंड में आज संगठन अपने आदर्श और विचार प्रणेता को भूल चुका है?