वरिष्ठ भाजपा नेता और भाजपा जमशेदपुर महानगर के पूर्व अध्यक्ष सच्चिदानंद राय का आज सुबह स्वर्गवास हो गया। वे 82साल के थे।पिछले कुछ दिनों से टाटा मोटर्स अस्पताल में इलाज रत थे। उन्हें देखने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास सहित कई बीजेपी नेता एवं समाजसेवी टाटा मोटर्स अस्पताल पहुंचे थे। उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि कल रविवार सुबह 10:00 बजे विजय गार्डन फेज 2 फ्लैट नंबर 1801 स्थित आवास से उनकी अंतिम यात्रा निकलेगी। स्वर्णरेखा वर्णन घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।
परिचय
सच्चिदानंद राय का जन्म बिहार के बक्सर जिले के अर्जुनपुर में 1942 में हुआ था ।वह 1961 ,64 बैच के टाटा मोटर्स के अप्रेंटिस थे। 2004 में उन्होंने टाटा मोटर्स से अवकाश ग्रहण किया। वे उन नेताओं में शामिल हैं जो जनसंघ काल में भी काफी अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। जनसंघ में भी एकीकृत सिंहभूम के महामंत्री थे। 1980 में जब जनता दल से बटवारा होकर भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ तो सिंहभूम तदर्थ कमेटी का चुनाव इनकी अगुवाई में हुआ था ।उस बार शिवनारायण चौधरी मृगेंद्र प्रताप सिंह को 9 मतों से हराकर अध्यक्ष बने थे ।
।उसे कमेटी में सच्चिदानंद राय महामंत्री और ब्रह्मदेव शर्मा कोषाध्यक्ष थे। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और बिहार प्रदेश कार्यकारिणी के भी सदस्य रह चुके हैं। जब पूर्वी सिंहभूम जिला भाजपा दो भागों में बाटी तो वे जमशेदपुर महानगर भाजपा के पहले संयोजक बने। सच्चिदानंद राय ने कभी चुनाव तो नहीं लड़ा मगर चुनाव संचालन समितियों में उनकी भूमिका बेहद अहम रही। बताया जाता है कि 1995 में जब दीनानाथ पांडे का भारतीय जनता पार्टी ने टिकट काटा था तो उसे समय सच्चिदानंद राय का नाम दावेदारों की सूची में काफी आगे चल रहा था ।पटना से प्रकाशित कुछ अखबारों में इस बाबत खबर भी प्रकाशित हो गई थी मगर बाद में टिकट रघुवर दास को मिला।
सच्चिदानंद राय पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई को बेहद प्रिय थे। वरीय भाजपा नेता अनिल सिंह एक घटना का जिक्र करते हुए बताते हैं की लक्ष्मी नगर के मामले को लेकर जब सच्चिदानंद राय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई से मिलने दिल्ली पहुंचे थे तो अटल जी सच्चिदानंद राय को देखकर बेहद भावुक हो गए थे और उन्हें गले लगा कर कहा कि अरे सचिदा बहुत दिन बाद मिले। अटल जी ने यह भी कहा कि सत्ता किसी नासूर चीज होती है कि अपनों से भी दूर कर देती है ।भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाशपति मिश्र के भी सच्चिदानंद राय बेहद करीबी थे।