नयी दिल्ली। हिन्दुस्तान को कांग्रेस मुक्त करने का सपना देखने वाली भाजपा चुनावों से पहले कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती है। ऐसे में भाजपा ने इस साल कई मुख्यमंत्रियों को बदला है। जबकि एक राज्य में कई बार मुख्यमंत्री को बदला है। दरअसल, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में भाजपा वहां का माहौल टटोल रही है।
कहां-कहां बदले मुख्यमंत्री
असम में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश का नेतृत्व सर्बानंद सोनेवाल कर रहे थे लेकिन कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हिमंत बिस्वा सरमा को पार्टी ने प्रदेश की कमान सौंपी। दरअसल, उन्होंने उत्तर-पूर्वी राज्यों में भाजपा को मजबूत करने का काम किया था। जिसके बाद पार्टी ने उन्हें बड़ा तोहफा देते हुए असम का मुख्यमंत्री बना दिया और शांति से सत्ता का त्याग करने वाले सर्बानंद सोनेवाल की पदोन्नति हो गई और उन्हें केंद्रीय मंत्री पद से नवाजा गया।
उत्तराखंड में दो बार बदले मुख्यमंत्री
उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पार्टी किसी भी तरह के विवादों में नहीं फंसना चाहती है। तभी तो त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया और तीरथ सिंह रावत को प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई लेकिन पार्टी के अंदरखाने में विवाद बना हुआ था और प्रदेश में भाजपा की स्थिति में भी सुधार नहीं पाया। जिसके बाद पार्टी ने युवा चेहरे को प्रदेश की कमान सौंपी। फिलहाल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हैं और पार्टी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनावी मैदान पर उतरेगी।
तीरथ सिंह रावत को बदलना इसलिए भी जरूरी था क्योंकि उनके बयानों से पार्टी की छवि खराब हो रही थी। पहले फटी जींस को लेकर और फिर ज्यादा राशन के लिए ज्यादा बच्चे पैदा करने वाला बयान काफी वायरल हुआ था।
बसवराज बोम्मई की हुई एंट्री
भाजपा ने कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के एक नेता को हटाकर दूसरे नेता को प्रदेश की जिम्मेदारी सौंप दी। हालांकि बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आगामी चुनाव में पार्टी के वोट हासिल करने की बात कही। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले येदियुरप्पा को लिंगायत समुदाय के धर्मगुरुओं ने अपना आशीर्वाद दिया था और उनके हर फैसले के साथ खड़े रहने की बात कही थी। जिसके बाद उन्होंने बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया और उनका प्रस्ताव स्वीकार भी हो गया क्योंकि कर्नाटक में बिना येदियुरप्पा के भाजपा का सत्ता में बना रहना काफी मुश्किल माना जाता है। इसीलिए तो पार्टी उन्हें साथ में लेकर चल रही है।
गुजरात में भी बदल गए हालात
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने विधानसभा चुनाव से लगभग सवा साल पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें कि 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले साल दिसंबर में चुनाव होंगे। विजय रूपाणी ने साल 2017 में दूसरी बार प्रदेश की कमान संभाली थी लेकिन चुनावों से पहले उनके स्थान पर किसी और नेता को पार्टी ने बैठाने का निर्णय लिया है। ऐसे में जल्द ही विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी। जहां पर नया मुख्यमंत्री चुना जाएगा।
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