जमशेदपुर, 30 अक्टूबर (रिपोर्टर) : दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41(ए) में निहित प्रावधानों एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी के पूर्व आवश्यक रुप से अपनाई जानेवाली प्रक्रियाओं के संबंध में कल बिष्टुपुर थाना परिसर में एक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें पुलिस अनुसंधानकर्ताओं को विषय के सभी पहलुओं से अवगत कराया गया. सेमिनार में एसएसपी किशोर कौशल ने इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन करने एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी के समय एक चेकलिस्ट तैयार करने के लिये पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया. उन्हें यह भी बताया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी के कारणों को भी दर्शाते हुए अदालत को प्रतिवेदन देना होगा. गिरफ्तारी के कारणों को बिना दर्शाए प्रतिवेदन भेजने पर या कुछ अभियुक्तों को नीचली अदालतों ने न्यायिक हिरासतों में नहीं भेजा. उदाहरणस्वरुप मनिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज से पांच एसी की चोरी के मामले में गिरफ्तार सात अभियुक्तों में मात्र 5 को ही न्यायालय ने न्यायिक हिरासत में भेजा. उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक क्रिमिनल अपील मोहम्मद अशफाक आलम बनाम झारखंड सरकार में जो निर्देश दिया गया उसी के आलोक में कल उक्त सेमिनार का आयोजन किया गया.
इस सेमिनार में अन्य वक्ताओं द्वारा 41(ए) दंप्रस के तहत नोटिस तब जारी करने की बात बताई गई जब धारा 41 दप्रस के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता न हो. सेमिनार में एसएसपी के अलावा सिटी एसपी मुकेश लुणायत, एएसपी सुमित अग्रवाल, ग्रामीण एसपी, पूर्व लोक अभियोजक सह कानूनी सलाहकार जयप्रकाश, वर्तमान लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक राजीव रंजन आदि ने विस्तार से पुलिस पदाधिकारियों को उक्त बिंदूओं पर जानकारी दी. सेमिनार में सभी पुलिस उपाधीक्षक, थाना प्रभारी एवं अन्य पुलिस अधिकारी सहित अधिवक्ता प्रियंका सिंघल आदि शामिल हुए. पूर्व लोक अभियोजक जयप्रकाश ने गिरफ्तारी से ज्यादा अनुसंधान के दौरान साक्ष्य संकलन पर जोर दिया. उन्होंने दंप्रसं की धारा 173(2)(1)(एल) का विस्तार से विश्लेषण करते हुए बताया कि पुलिस को साक्ष्य संकलन कर अनुसंधान पूर्ण करने के बाद अभियुक्त को बिना गिरफ्तार किये आरोप पत्र समर्पित करने का अधिकार है. इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के एक लैंडमार्क जजमेंट का भी विस्तार से उल्लेख किया. जयप्रकाश ने सुप्रीम कोर्ट को अन्य दो निर्णयों की भी चर्चा की जिसमें पुलिस की गिरफ्तारी की शक्ति को कहीं भी कम नहीं किया गया है, बल्कि बिना कारण बताये अनावश्यक रुप से गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है. गिरफ्तारी के लिये जो शर्तें दंप्रसं की धारा 41(1)(बी)(ढ्ढढ्ढ) में निहित है. उनका अनुपालन करने के बाद ही अभियुक्त को गिरफ्तार करना है. एसएसपी ने सेमिनार को उपयोगी बताते हुए भविष्य में इसका पुन: आयोजन करने की बात कही.