शराब माफियाओं का एजेंट निकला थानेदार, पटना सहित तीन जिलों के ठिकाने पर छापेमारी

पटना. बालू के बाद बिहार में अब शराब माफियाओं से सांठगांठ कर अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है.
इसी कड़ी में रविवार को आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने वैशाली के थानाध्यक्ष संजय कुमार के तीन स्थानों पर छापेमारी की है. छापेमारी में थाना प्रभारी के पास से आय से करीब 70 प्रतिशत अधिक संपत्ति का पता चला है. 2009 बैच के दारोगा संजय कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अपने पदस्थापना के दौरान शराब माफियाओं से सांठगांठ कर शराब के धंधे को बढ़ावा दिया और इस धंधे पर नियंत्रण करने में नाकाम रहे.

सूत्रों का कहना है कि आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक एनएच खान को गुप्त सूचना मिली थी कि थानाप्रभारी शराब माफियों के साथ मिलकर अपनी आय से तकरीबन 70 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित किया है. जिसके बाद उनके खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई थाने में डीए का केस दर्ज किया गया. दरअसल बिहार में शराबबंदी लागू है और शराबबंदी को सख्ती से लागू कराना सरकार का मिशन है लेकिन खासकर के कई पुलिस अफसर शराब माफियाओं से मिलकर शराबबंदी को खोखला करने में जुटे हैं.

पुलिस मुख्यालय के आदेश पर तो कई पुलिस पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर सीधे जेल भेज भेज दिया गया है लेकिन आज भी बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी जारी हैं. शराब माफिया से साठगांठ रखने वाले वैशाली थानाध्यक्ष संजय कुमार के पटना के रूपसपुर स्थित कश्यप ग्रीन सिटी के फ्लैट संख्या -701, औरंगाबाद के रफीगंज स्थित आवास, वैशाली थानाध्यक्ष के थाना स्थित कार्यालय एवं आवास पर ईओयू ने रविवार को छापेमारी शुरू की है.

थानाध्यक्ष के खिलाफ ईओयू ने कांड संख्या 10/2022 दर्ज किया है. संजय कुमार तीसरे ऐसे सरकारी अफसर हैं जिनके खिलाफ शराब माफियाओं से सांठगांठ कर अकूत संपत्ति अर्जित करने के आरोप में आर्थिक अपराध इकाई के टीम छापेमारी कर रही है. आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने हाल के दिनों में जिस तरीके से भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है और उनकी अकूत संपत्ति को उजागर किया है वैसे बिहार के भ्रष्ट पुलिस अफसर को लेकर दूसरे विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है.

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