चांडिल : बिहार स्पंज आयरन कंपनी चालू होने से पहले बकाया वेतन, रोजगार प्राथमिकता के विवाद में उलझी

चांडिल । हुमीद स्थित बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड कंपनी बहुत जल्द चालू होने जा रही हैं। जो कि वर्ष 2013 से बंद हो गई हैं। लेकिन कंपनी चालू होने से पहले ही बकाया वेतन भुगतान तथा रोजगार में प्राथमिकता देने के मामले में उलझ गई हैं। बताया जाता है कि बीएसआईएल कंपनी को बनराज स्टील द्वारा संचालित किया जाएगा, जिसके लिए सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं। बनराज स्टील, आधुनिक पावर कंपनी की एक इकाई है। बनराज स्टील द्वारा बंद पड़े प्लांट की मरम्मत कार्य को पूरा कर लिया गया है, वहीं मशीनों का परीक्षण भी किया जा रहा है। उत्पादन के लिए कच्चा माल भी लाया जा रहा है।
अब बीएसआईएल कंपनी के जमीनदाता तथा पुराने मजदूर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर उतारू हो गए हैं। विगत दिनों रैयतों व मजदूरों ने कंपनी के मेन गेट को जाम कर दिया था और वाहनों का आवागमन बाधित कर दिया था। बुधवार को चांडिल अनुमंडल कार्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता हुई। जिसमें विधायक सविता महतो, एसडीओ रंजीत लोहरा, बलराज स्टील के एचआर हेड डीएन त्रिपाठी, बीएसआईएल के प्रतिनिधि राजकुमार शर्मा, गुरुचरण किस्कु, चारु चांद किस्कु, पप्पू वर्मा, काबलु, झामुमो नेता सुखराम हेम्ब्रम, जिप सदस्य ओमप्रकाश लायक समेत पांच गांव के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक काफी गहमा गहमी में हुई, लेकिन किसी तरह का निर्णय नहीं हो पाया। बैठक के दौरान पंच ग्राम विस्थापित एवं प्रभावित समिति की ओर से मांग रखा गया कि पुराने मजदूरों के बकाया वेतन राशि को अविलंब भुगतान किया जाय। वहीं, बनराज स्टील प्रबंधन से मांग किया गया कि रैयतों और प्रभावित गांवों के लोगों को रोजगार में प्राथमिकता दिया जाय। जिसपर बनराज स्टील के प्रतिनिधि ने स्थानीय मजदूरों को काम में प्राथमिकता देने पर सहमति जताई, लेकिन उत्पादन क्षमता के अनुसार चरणबद्ध तरीके से मजदूरों को लेने की बात कही। इधर, बीएसआईएल प्रतिनिधि ने बकाया वेतन भुगतान पर असहजता दिखाई। एसडीओ रंजीत लोहरा ने बताया कि झारखंड सरकार के नए कानून के अनुसार निजी क्षेत्र में भी स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गया है। जिसका पालन करना होगा। उन्होंने बताया कि बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया, इसके लिए आगामी मंगलवार को पुनः बैठक होगी। संभवतः मंगलवार को होने वाली बैठक में कोई निर्णय हो। इस मौके पर देवराज महतो, बुद्धेश्वर मार्डी, गुरचरण सिंह सरदार, जोगेश्वर बेसरा, जगन्नाथ मांझी, आशुतोष बेसरा, अरुण टुडू, तुम्बा मांझी, मकर मुर्मू, गिडू महतो, गिरी महतो, सनत महतो आदि उपस्थित थे।

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