बिहार स्पॉन्ज चांडिल के भाड़ेदार वनराज स्टील के चक़्कर में फंस कर उबरना नहीं आसान!

जमशेदपुर, 21 दिसंबर : मनोज अग्रवाल, घनश्याम अग्रवाल, निर्मल अग्रवाल ये भाई कारोबार और उद्योग क्षेत्र में इन दिनों चर्चा में हैं. इन लोगों ने भाड़े पर लिए गए चांडिल स्थित बिहार स्पॉन्ज आयरन फैक्ट्री के लिए साहू बंधु से कोयला सप्लाई लिया लेकिन उस माल का पैसा लगभग एक साल बीतने को है आज तक नहीं दिया. तकादा करते हुए साहू बंधु में एक पप्पू साहू मनोज अग्रवाल को फ़ोन करते है और बड़ी विनम्रता से बोलते है – सर हमलोग के माल का पेमेंट कराएं सर, बहुत दिन हो गए, कोई गलती हो गयी है तब मनोज अग्रवाल बोलते है, अरे नहीं.. निर्मल को बोल दिए थे.. रुकिए मैं उसको लाइन पर लेता हूँ, फिर कुछ क्षण इंतजार करा बोलते है उसका फ़ोन नहीं उठ रहा, बाथरूम में होगा, चलिए मैं बोल कर कराता हूँ….. साहू अब निर्मल को फ़ोन करते है तब वह बोलते है अरे अभी पेमेंट कहाँ होगा, मेरी तबियत ठीक नहीं है, मनोज ही करेंगे. साहू रंज होकर बोलता है सर आपलोग मेरा फ़ोन नंबर ब्लॉक कर देते है, फिर बोलते है कभी मनोज करेगा, कभी घनश्याम करेगा तो कभी निर्मल करेगा.. आपलोग माल मंगाए, उसको जलाकर अपना काम किए अब हमलोग का कोई इज्जत नहीं. साहू फिर घनश्याम अग्रवाल को फ़ोन करते हैं. उधर से वह पहले ही पहचान जाते है और बोलते है साहूजी! आपको पीछा करके पैसा ले लेना चाहिए था… फैक्ट्री में हम सब भाई का पैसा मनोज के पास जमा होता है. पैसा उसीके पास रखा है. पीछा करके ले लीजिये.. साहू बताते है कि मनोज मिलते नहीं, फ़ोन करने पर आज यहाँ तो कल वहां बोलते है तब घनश्याम बोलते है जमशेदपुर में ही है, अभी काम कहाँ है, कहीं नहीं. उससे बात करिये…. फिर मनोज से पप्पू संपर्क करता है तब मनोज बोलते हैं – साहूजी आपका पेमेंट कराते है, कल 70-80 लाख रुपया मेरे पास आ रहा है, पेमेंट करा देता हूँ. साहू खुश होता है…मनोज अग्रवाल का वह कल आज तक नहीं आया. पिछले दिनों साहू को पता चला कि मनोज अग्रवाल बिस्टुपुर अवस्थित शांति हरि टावर के फ्लैट में हैं तब वह वहां पहुँचता है.. डोर बेल बजाता रहता है, एक कर्मचारी निकलता है और बोलता है मनोज साहब यहाँ नहीं हैं. चूंकि साहू ने खुद लोगों को मनोज अग्रवाल के इंतजार में शांति हरि टावर के नीचे खड़ा रखा था जिन्होंने मनोज अग्रवाल को फ्लैट में जाते देखा था. अतएव साहू मानने को तैयार नहीं हुआ. वह फिर बेल बजाने लगा. तब बेल को ही भीतर से ऑफ कर दिया गया.वहां ऊँची आवाज में बात होने लगी. तब भीतर फ्लैट से बिस्टुपुर थाना में मनोज अग्रवाल या उनके साथ के एक व्यक्ति ने फ़ोन किया कि फ्लैट पर असामाजिक तत्व आ गए है. पुलिस साहू एवं उसके साथ गए अन्य व्यक्ति को बिस्टुपुर थाना लेकर लौटी. वहां पूछताछ में सब बात साफ हो गयी. मनोज अग्रवाल के आदमी ने स्वीकारा कि एक माह के भीतर पैसा भुगतान करा दिया जाएगा. देखिये आगे क्या होता है….. उल्लेखनीय है जमशेदपुर ही नहीं, ओडिसा तक एक समय मनोज अग्रवाल की उद्योग जगत में बादशाहत थी. मनोज अग्रवाल से मिलना किसी कारोबारी के लिए गौरव की बात होती थी.उस समय का मनोज अग्रवाल का ग्राफ आज कहाँ से कहाँ नीचे उतर गया और झूठ पर खड़े होने का दाग लगने लगा. आज मनोज अग्रवाल बिहार स्पॉन्ज चांडिल को श्री मोदी से प्रतिमाह भाड़े पर लिए हुए है. इसे चलाने के लिए उन्होंने बहुतों को इस तरह टोपी पहना रखी है. कोयला -आयरन ओर मंगाना और पैसे भुगतान के समय उन्हें टहलाना और झूठ बोलना चर्चा में है. कहा जाता है साहू की तरह कई सप्लायर अग्रवाल बन्धुओं के इस खेल में फंस कर छटपटा रहे हैं. इन लोगों के व्यापार और ढंग को लेकर अब लोग तरह – तरह के सबूत लेकर सामने आने लगे हैं कि कैसे बिहार स्पॉन्ज की चांडिल स्थित रेल साइडिंग पर आने वाले आधुनिक पावर के लिंकेज वाले कोयले को सरकार से रियायती दर पर प्राप्त कर उसका एक मोटा हिस्सा कालाबाज़ार में ऊँचे दाम पर बेचने का खेल चलता है तो कैसे आधुनिक पावर के फाइनेंसर बैंक के अधिकारी से मिलकर उसके फण्ड की बदौलत पैसे की साइफाइनिंग की जाती है, Banker Edelwise को बदल कर कोटक बैंक को क्यों लाया जा रहा, फिर इस समूह की एक कंपनी आधुनिक मेटालिक पर 5 हजार 371 करोड़ बैंक लोन में लगभग 4 हजार 800 करोड़ रुपया किस ढंग से माफ कराने का खेल हुआ. ज्ञात हो कि 6000 करोड़ बैंक लोन में इस तरह उलट फेर करने वाले कोलकाता के संजय सुरेका को ई डी ने हाल ही गिरफ्तार किया.उनकी कंपनी का नाम मेसेर्स कांसेप्ट स्टील्स एंड पावर लिमिटेड है. M/s. Concept Steels and Power Limited.

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