पटना : बिहार के विश्वविद्यालयों में वेतन-पेंशन व्यवस्था की लेट लतीफी पर सोशल मीडिया एवं अखबारों में पद्मश्री बिहार कोकिला शारदा सिन्हा के दर्द भरे पोस्ट को कुछ ही घंटों में सिस्टम ने सुन लिया और शिक्षा विभाग ने कुछ ही घंटों में पेंशन मद में लंबित 401 करोड़ रुपये निर्गत किए। अपनी सहेली को चार महीनों से पेंशन नहीं मिल पाने का उनका दर्द छलक आया था।
पेंशन नहीं मिलने का दर्द शारदा सिन्हा की जुबानी
शारदा सिन्हा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि ‘ये अंधेर कब तक? डॉक्टर ईशा सिन्हा, मेरी संगिनी ही नहीं बल्कि जीवन का एक अभिन्न अंग बनकर मेरे साथ मेरे कार्यकाल में रहीं। दरभंगा में पीजी हेड से रिटायर की थीं। जबसे मैंने कॉलेज का शिक्षण कार्य शुरू किया था, तब से मेरे साथ सखी सहेली और न जाने कितने रूप में मेरा साथ देती रहीं। आज वो हमें अकेला छोड़ गईं। 2 साल अपने शारीरिक कष्ट, व्याधि और मानसिक पीड़ा से लड़ती रहीं। अंतिम समय में उनके दिमाग पर अपने परिवार को अकेला छोड़ जाने की पीड़ा का एक बहुत बड़ा कारण था कि उनकी पेंशन की राशि पिछले 4-5 महीनों से नहीं मिली थी।’ शारदा सिन्हा ने उनकी इस मुहिम में साथ देने के लिए मीडिया का धन्यवाद किया।