Patna,19 April : JDU विधायक मेवालाल चौधरी की कोरोना से मौत. बिहार में कुछ देर के लिए बने थे शिक्षा मंत्री. वे पिछले सप्ताह बीमार पड़े थे. जांच में कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें पटना के पारस अस्पताल में एडमिट कराया गया था. आज सुबह उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली. 4 दिन पूर्व ही उन्हें छाती में तेज दर्द की शिकायत पर मुंगेर सिटी क्रिटिकल हॉस्पिटल लाया गया था. जहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए पटना जाने की सलाह दी थी. डॉक्टरों की सलाह पर पारस अस्पताल में इलाज के लिए वे भर्ती थे. सोमवार के 4:30 बजे वे कोरोना से जंग हार गए. उनका निधन हो गया.
मेवालाल चौधरी लगातार दूसरी बार विधायक बने थे. उनका जन्म 4 जनवरी 1953 को हुआ था. वे 68 वर्ष के थे. अचानक उनकी मौत के बाद इलाके में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. लोगों को सहसा विश्वास नहीं हो रहा कि वे अब इस दुनिया में नहीं रहे. तारापुर विधानसभा क्षेत्र के उनके चाहने वाले एवं परिवार के लोग इस दुखद खबर से अवाक हैं.
मेवालाल चौधरी को राजनीति विरासत में मिली थी. उनकी पत्नी स्वर्गीय नीता चौधरी 2010 से 2015 तक तारापुर से विधायक रही थीं. वह राजनीति में काफी सक्रिय थीं. मेवालाल चौधरी सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके थे. जब वे कृषि विश्वविद्यालय से रिटायर हुए तो उनकी पत्नी ने यह सीट उनके लिए छोड़ दी. जदयू ने पत्नी की जगह मेवालाल को टिकट दिया. मेवालाल भारी मतों से जीते भी थे.
दूसरी बार 2020 में मेवालाल चौधरी विधायक बने. नई सरकार में उन्हें शिक्षा मंत्री का पद दिया था. लेकिन कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए सहायक प्रोफेसर भर्ती घोटाले का अभियुक्त होने के कारण विपक्ष ने यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया. इस पर मेवालाल चौधरी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. बता दें कि उन्होंने 19 नवंबर को पदभार ग्रहण किया था. विपक्ष के हंगामे के बाद उन्हें तीन घंटे के बाद ही इस्तीफा देना पड़ा था. उन्होंने पदभार ग्रहण करने के 71 घंटे पहले शपथ ली थी.