दुमका , भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो दुमका ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए देवघर सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा को 70 हजार रुपए घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। सिविल सर्जन के गिरफ्तार होते ही पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल जिला पश्चिम बर्धमान, थाना आसनसोल ओके रोड,रेलपार मोहल्ले के रहने वाले मो महफूज आलम पिता मो मुश्ताक अहमद ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो दुमका को लिखित शिकायत की थी जिसके सत्यापन के बाद एसीबी ने कारवाई की है। दरअसल मो महफूज द्वारा देवघर जिला के मधुपुर कालेज रोड में बंगाल नर्सिंग होम नाम का दस बेड का हास्पीटल 2020 में शुरूआत किया गया था नर्सिंग होम का 9/6(/2024 तक का प्रोविजनल प्रमाण पत्र संख्या 2035000217 था। जिसका रिनुअल कराना था। आवेदक मो महफूज आलम का गोल्ड ब्लाडर का आपरेशन हुआ था जिसके कारण वह 24 दिन की देरी से दिनांक 3/7/2024 को रिनुअल का आवेदन दिया। परन्तु कोई अग्रतर कारवाई नहीं हुई। तब जाकर आवेदक देवघर सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा से मिला। सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा ने आवेदक मो महफूज आलम से एक लाख रुपए घूस मांगा तब जाकर रिनुअल करने की बात कही। आवेदक घूस नहीं देना चाहता था। थक हार कर वह एसीबी की शरण में जाकर आवेदन दिया। हद तो तब हो गई जब घूस की रकम को सत्यापन के दौरान डेढ़ लाख रुपए कर दिया गया और इसी की पहली किश्त 70 हजार रुपए देने के लिए देवघर जिला के काली बाड़ी, बेला बगान स्थित आवास के पास नवजीवन हास्पीटल एंड रिसर्च सेंटर में आवेदक को बुलाया गया था जहां से देवघर सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा पिता स्व जगन्नाथ प्रसाद को 70 हजार रुपए घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। यहां बताते चलें कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो दुमका द्वारा 2024 का यह चौथा ट्रैप है। इस संबंध में एसीबी द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो दुमका थाना कांड संख्या 4/24 दिनांक 15/9/2024 दर्ज करते हुए अग्रतर कारवाई की जा रही है।