झारखंड आंदोलनकारी भजोहरी महतो का आकस्मिक निधन

चांडिल । प्रखंड के चैनपुर निवासी 66 वर्षीय झारखंड आंदोलनकारी भजोहरि महतो का गुरुवार सुबह आकस्मिक निधन हो गया। निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। बताया जाता है कि भजोहरि महतो चांडिल के हुमीद स्थित अपने घर में रात को अकेला सोते थे जहां आम दिनों की तरह सुबह उन्होंने व्यायाम भी किया। व्यायाम करने के बाद थकान मिटाने के लिए अपने कमरे में आराम कर रहे थे। इस दौरान आकस्मिक निधन होने की संभावना व्यक्त की जा रही हैं। एनएच 33 स्थित स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि सुबह टहलने के बाद वे कमरे में जाकर बिस्तर पर लेटे हुए थे लेकिन घण्टों बाद भी कमरे से बाहर नहीं निकले। संभावना है कि उनकी मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है। परिवार के सदस्यों ने बताया उन्हें हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत थीं।

श्रद्धांजलि देने पहुंचे आजसू और झामुमो के नेता व कार्यकर्ता: झारखंड आंदोलनकारी भजोहरि महतो के निधन की सूचना पर आजसू, झामुमो, भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के नेता व कार्यकर्ता श्रद्धांजलि देने पहुंचे। यहां आजसू के केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो, पूर्व प्रत्याशी कार्तिक महतो, छात्र नेता आकाश महतो, निखिल महतो, दुर्योधन गोप, अजय साव, झामुमो नेता सुखराम हेम्ब्रम, गुरुचरण किस्कू, ओमप्रकाश लायक, रौंदा मार्डी, संतोष कुमार समेत सैकड़ों लोग अंतिम दर्शन में शामिल हुए।

भजोहरी थे चांडिल प्रखंड अध्यक्ष, दो बार जानी पड़ी थी जेल : उन दिनों अलग झारखंड राज्य का आंदोलन चरम पर था। 90 के दशक से लेकर अलग झारखंड गठन तक भजोहरि महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा के चांडिल प्रखंड अध्यक्ष रहे। सांगठनिक चुनाव में कई दावेदार होने के बावजूद वे कार्यकर्ताओं की पहली पसंद थे। झारखंड आंदोलन के दौरान 1989 में रेल चालक की हत्या के आरोप में तथा 1993 आर्थिक नाकेबंदी के लिए उनको जेल यात्रा करनी पड़ी थी। उन दिनों आक्रामक तेवर के चलते उनकी अलग पहचान हुआ करती थीं।

Share this News...