शिव को प्रिय है रुद्राक्ष, धारण करने से मिलते हैं कई लाभः- वृजनंदन शास्त्री

मानगो वसुन्धरा एस्टेट में श्रीमद् भागवत और शिवकथा महोत्सव का छठवां दिन

जमशेदपुर। मानगो एनएच 33 स्थित वसुन्धरा एस्टेट में चल रहे श्रीमद् भागवत और श्री पाशुपात्य व्रत शिवकथा महोत्सव ज्ञान यज्ञ के छठवें दिन शनिवार को कथा वाचक स्वामी वृजनंदन शास्त्री महाराज ने कहा कि भगवान शिव को सबसे प्रिय रूद्राक्ष हैं। रुद्राक्ष धारण करने से कई लाभ मिलते हैं, क्योंकि रुद्राक्ष को भगवान शिव का वरदान ही कहा जाता है। रुद्राक्ष का शाब्दिक अर्थ भी यही है-रुद्र और अक्ष अर्थात रुद्राक्ष। रुद्राक्ष मानसिक तनाव से मुक्ति देता है। यह शरीर, मन और आत्मा के लाभ के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होता है। रुद्राक्ष मानव शरीर के अंदर के साथ-साथ शरीर के बाहर की वायु में भी जीवाणुओं का नाश करता है। महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी से भगवान शिव की महिमा का गुणागान करते हुए आगे कहा कि स्वार्थ छोड़कर निःस्वार्थ भाव से जल, तन और धन का दान करना चाहिए। महाराज जी ने कथा के माध्यम से भगवान श्री शिव के अलग-अलग रूपों की जीवंत झांकियों का दर्शन कराया। शिव कथा के दौरान हुए भजन संगीत कार्यक्रम एवं धार्मिक धुन पर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया। आज के यजमान किरण-उमाशंकर शर्मा थे। रविवार को हवन एवं भंडारा के साथ कथा का विश्राम होगा। आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में कृष्ण शर्मा काली, जयप्रकाश शर्मा, गोविन्दा शर्मा, राखी शर्मा, रवि शर्मा, चंदन शर्मा, शत्रुधन शर्मा, श्रवण शर्मा सहित पूरे शर्मा परिवार का योगदान रहा।
शनिवार को विभिन्न राजनीतिक एंव सामाजिक संगठन के गणमान्य आदिवासी कल्याण केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, उनकी पत्नी मीरा मुंडा, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, उनकी पत्नी सुधा गुप्ता, पूर्व विधायक मेनका सरदार, पूर्व जिला परिषद सदस्य राणा डे, टिनंप्लेट के पदाधिकारी सुशील, ज़ेवियर स्कूल के डायरेक्टर अखि़लेश सिंह, भाजपा नेता लक्षमण टुडू, विनोद सिंह, अभिषेक मुंडा, चितरंजन वर्मा, शैलेश गुप्ता, स्वेता कुमारी, अजय श्रीवास्तव, सदानंद कृपा सिंधु, श्यामा तिवारी, दिनेश साहू, बंटी सिंह, नवजोत सिंह, नित्यानन्द, हरेंद्र पांडेय, मुकुल मिश्रा, सतवीर सिंह सुमो, राजन सिंह, अनिल सिंह, राकेश मिश्रा, काजू शांडिल्य, दिनेश कुमार, अशोक सामंत, डॉ अनिल, अनमोल वर्मा, विशाल जवानपुरिया आदि ने शिव और बांके बिहारी के दरबार में हाजरी लगायी और कथा का आनन्द लिया। साथ ही स्वामी वृजनंदन शास्त्री से आर्शीवाद लिया और झारखंड के विकास की प्रार्थना की।

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