अहंकार व क्रोध ही है मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु, मानगो वसुन्धरा इस्टेट में भागवत कथा का चौथा दिन

जमशेदपुर, 29 दिसंबर (रिपोर्टर) : मानगो वसुंधरा इस्टेट में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन आज कथावाचक वृजनंदन शास्त्री ने धु्रव चरित्र, राजा बलि, वामन भगवान प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर और कलयुग में चार राक्षस रहे हैं. सतयुग-हिरण्यकश्यपु, त्रेतायुग-रावण, द्वापरयुग-कंस और कलयुग में अहंकार
और क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है. इसलिए जो मनुष्य कलयुगी राक्षसों से बचकर भगवान का जप-तप, पाठ-पूजा व स्मरण करेगा, वही भगवान के प्रति समर्पित हो सकेगा. उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण की जीवन लीला जन्म के साथ ही संघर्ष से भरी रही है, लेकिन वे हमेशा मुस्कराते हुए बंशी बजाते रहते थे और दूसरों को भी समस्याओं को ऐसे ही मुस्कराते हुए सुलझाने की सीख देते थे.
कथा के दौरान आज भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले, न्यू इस्पात मेल के संपादक बृजभूषण सिंह, चमकता आईना के संपादक जयप्रकाश राय, पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी, पार्षद सुदिप्तो डे राणा, शैलेन्द्र सिंह, चन्द्रशेखर मिश्रा, रीता मिश्रा, बबलू जायसवाल, महेश कुंडू, विशाल अग्रवाल समेत कई गणमान्यों ने बांके बिहारी के दरबार में हाजिरी लगायी और भागवत कथा का आनन्द उठाया व स्वामी वृजनंदन शास्त्री का आर्शीवाद लिया. आज यजमान के रूप में उमाशंकर शर्मा, किरण शर्मा, कृष्णा शर्मा (काली), जय प्रकाश शर्मा, गोविंदा शर्मा, कृपा शंकर शर्मा, गिरजा शंकर शर्मा, रामा शंकर शर्मा, विष्णु शर्मा, रामानंद शर्मा, विश्वनाथ शर्मा समेत काफी संख्या में भक्तगण शामिल थे.

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