झारखंड के स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सह जमशेदपुर पश्चिम के विधायक बन्ना गुप्ता और जमशेदपुर पूर्व के निर्दलीय विधायक सरयू राय के राजनीतिक रिश्ते को लेकर हमेशा से सुर्खियां बनी रहती है। आज सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा हाईवे के एक होटल में आयोजित वार्षिक पिकनिक आयोजन के दौरान एक ऐसा मौका भी आया जब यह दोनों बड़ी राजनीतिक हस्तियां खाने के एक ही टेबल पर साथ बैठी। इस दौरान चेंबर के पूर्व अध्यक्ष सुरेश संथालिया ने चुटकी लेते हुए वहां बैठे चमकता आईना के प्रतिनिधि से कहा कि देखिए आपके लिए बहुत मसाला है ।यह दोनों एक साथ बैठे हैं ।उन्होंने यह बात दो बार कहीं। इस पर मुस्कुराते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि भाई इनको क्यों छेड़ रहे हैं । आप ही लोग मीडिया को एंगल देते हैं। यह तो चुपचाप बैठे हैं। आप ही बार-बार इन लोगों को एंगल दे रहे हैं ।स्वास्थ्य मंत्री ने इस दौरान अपने अंदाज में कुछ कविताओं के माध्यम से स्थिति को सामान्य करने का प्रयास किया।
बन्ना गुप्ता आयोजन स्थल पर पहले आये थे। अपराहन करीब 2 बजे जब बन्ना गुप्ता भोजन कर रहे थे तो सरयू राय का उक्त स्थल पर आगमन हुआ। बन्ना गुप्ता के साथ सिंहभूम चैम्बर के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, सुरेश संथालिया एवं अन्य बैठे थे। सुरेश सोंथालिया उठकर विधायक सरयू राय की अगवानी करने पहुंचे और उनको उसी टेबल पर ले आए । स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने श्री उनका अभिवादन किया । सरयू राय ने भी इनका जवाब दिया। 15 मिनट तक यह दोनों राजनेता टेबल पर एक कुर्सी के फासले पर बैठे रहे मगर इनकी आपस में कोई बात नहीं हुई। बन्ना गुप्ता अपना भोजन समाप्त करने के कुछ देर बाद वहां से वापस लौट गये।
सरयू राय और बन्ना गुप्ता का राजनीतिक बैटलफील्ड जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र ही रहा है मगर साल 2019 के चुनाव के समय समीकरण बदल गया। भाजपा ने सरयू राय का टिकट लटकाकर रखा था। 18 नवंबर नामांकन का आखिरी दिन था और 16 तक सरयू राय परकोई फैसला भाजपा ने नहीं लिया तो उन्होंने 17 नवंबर को तत्कालीन मुख्य मंत्री रघुवर दास के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी एवं पश्चिम विधान सभा सीट से निर्दलीय नामांकन करने की घोषणा की। 17 नवंबर तक बन्ना गुप्ता ने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया था। राजनीतिक महकमे में इस बात की बड़ी चर्चा थी कि बन्ना गुप्ता भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। यह चर्चा थी कि श्री राय ने भाजपा में बन्ना गुप्ता की इंट्री को रोकने के लिये यह दाव चला क्योंकि अगले ही दिन 18 नवंबर 2019 को बन्ना गुप्ता ने कांग्रेस के टिकट पर नामांकन दाखिल कर दिया । तो श्री राय ने जमशेदपुर पश्चिम से नामांकन नहीं करने की घोषणा कर दी। बन्ना गुप्ता को कांग्रेस का टिकट पहले ही मिल चुका था लेकिन उन्होंने तबतक नामांकन दाखिल नहीं किया था । बन्ना गुप्ता के नामांकन के बाद श्री राय ने जमशेदपुर पश्चिम से पर्चा नहीं भरा।
इस घटनाक्रम के बाद राज्य का चुनावी समीकरण पूरी तरह से बदल गया। जमशेदपुर पूर्वी की सीट पर सरयू राय ने बड़ा उलटफेर करते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हरा दिया उधर जमशेदपुर पश्चिम सीट पर कब्जा जमा कर बन्ना गुप्ता कांग्रेस के कोटे से राज्य के मंत्री बन गये।
जमशेदपुर की राजनीति में यह चर्चा आज भी बनी हुई है कि भारतीय जनता पार्टी बन्ना गुप्ता को लेकर सॉफ्ट रहता है जबकि सरयू राय हमेशा उसके टारगेट पर रहते हैं। यह साफ दिखता है कि भाजपा और बन्ना गुप्ता के बीच फ्रैंडली मैच चलता है । भाजपा के बजाय सरयू राय ही बन्ना गुप्ता के खिलाफ विपक्ष की भूमिका में दिखते हैं। प्रस्तावित मानगो फ्लाईओवर इसका ताजा उदाहरण है। सरयू राय लगातार इस फ्लाईओवर को लेकर कई तरह के सवाल उठा रहे हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी चुप है। बन्ना गुप्ताा को लेकर ऐसे कई मुद्दे हैं जिसमें भाजपा की ओर से कोई बयान नहीं आता। यहां तक की मानगो चौक पर खुदीराम बोस की प्रतिमा स्थापन के मौके पर जब वहां दिवंगत एम पी सिंह और सांसद विद्युत वरण महतो का नाम शिलापट्ट पर नहीं था तो भाजपा ने इसका जमकर विरोध किया। कुछ समय के लिए वहां बन्ना गुप्ता के खिलाफ नारेबाजी हुई मगर थोड़ी ही देर बाद जैसा कि कहा जाता है कि वहां नारेबाजी कर रहे महानगर भाजपा के एक पदाधिकारी के पास कोई फोन आया उसके बाद बन्ना गुप्ता के बजाय जुस्को के खिलाफ नारेबाजी होने लगी।
बन्ना गुप्ता की कर्ई तश्वीरें भाजपा नेताओं के साथ किस रुप में आती है यह भी सोशल मीडिया में सुर्खियां बटोरती हैं।