जमशेदपुर 6 अक्टूबर संवाददाता बैंक अथवा अन्य वित्तीय संस्थानों से किश्ती नहीं चुकाने वाले कर्ज के वाहन मालिकों के साथ डिमना रोड चौराहे पर इन दिनों खुलेआम गुंडागर्दी हो रही है। डिमना चौक चौराहे से बालीगुमा तक बैंक और वित्तीय संस्थानों के तथाकथित रिकवरी एजेंट रुपी मुश्टंडे मंडराते रहते हैं। वे वैसे वाहनों की ताक में रहते हैं जिनकी किश्ती फेल हो । गाडिय़ों को बीच सडक़ पर रोककर अगर उसमें महिला और बच्चों सहित कोई परिवार भी सवार है तो उसे उतारकर वाहन छीन लेते हैं। वाहन छीनने के अलावे भी 5-10 हजार की मनमाना वसूली कर रंगदारी टैक्स लेते हैं। हाल के दिनों में माननीय न्यायालय ने ऐसे हथकंडों के लिये वाहनों की जब्ती की स्पष्ट मनाही की है। बैंक अथवा वित्तीय संस्थानों द्वारा एक कानूनी प्रक्रिया के तहत ऋण स्वीकृत किया जाताहै, अतएव अदालत ने साफ किया है किउसकी वसूली अथवा वाहनों की जब्ती भी कायदे कानून से होनी चाहिये। इस तरह मुश्टंडों को लगाकर गाडिय़ों की छीनने या उसके एवज में रंगदारी वसूली कानून के राज में अनुमति देने योग्य नहीं है। डिमना चौराहे से बालीगुमा तक ये मुश्टंडे वाहनों खासकर दो पहिया वाहनों पर चक्कर काटते रहते हैं और आश्चर्य की बात है कि चौराहे पर बनी पुलिस चौकी के पास ही वे बैठे रहते हैं। इससे यह अंदेशा होता है कि स्थानीय पुलिस इन मुश्टंडों को संरक्षण देती है। पूर्व में ऐसी हरकतों पर पुलिस प्रशासन ने सभी थानों को स्पष्ट रुप से मना किया था कि वे वाहनों की रिकवरी इस तरहसे गुंडागर्दी के जरिये करने में कोई सहयोह न करें, अलबत्ता कोई मामला सामने आता है तो ऐसे मुश्टंडों और एडेंटों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करें। लेकिन समय बीतते ही सडक़ पर हेलमेट चेकिंग का धंधा जैसे शुरु हो गया वैसे ही इन मुश्टंडों की चलती भी फिर से आ गई है।